यातायात नियमों में संशोधन से जिम्मेदारी आयेगी

Modi govt approved Motor Vehicle Amendment bill 2016 to make roads safer & save innocent lives.केन्द्र सरकार ने नयी यातायात नियमों की जो लिस्ट जारी किया है और जुर्माने की रकम बढायी है वह काबिलेगौर है। इससे देश की सड़क दुर्घटनाओं में सुधार आयेगा और लोग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगें। इसका सभी दलों को व देश की जनता को नितिन गडकरी का शुक्रिया अदा करना चाहिये।
सबसे पहले तो बात करते है शराब पीकर वाहन चलाने वालों की क्योंकि इससे देश में सबसे ज्यादा दुर्घटनायें होती है। डाइवर भी कुछ न कुछ बहाना बनाकर छूट जाता है लेकिन इससे आहत परिवार को काफी नुकसान होता है। मुआवजा मिलते मिलते इतनी देर हो जाती है कि आहत परिवार या तो आत्महत्या आर्थिक तंगी के चलते कर लेता है या फिर भीख मांगने लगता है उसके बाद भी उसे उतना नही मिलता जितना मिलना चाहिये । जबकि शराबी डाईवर कुछ रूपये देकर छूट जाता है। नया नियम इस मामले में मील का पत्थर साबित हो सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब प्रशासन ईमानदारी से काम करे। पूरा प्रशासन इस बढोत्तरी को अपनी जेब भारी करने के नजरिये से देख रहा है। सच भी है जब सौरूपये जुर्माने वाली बात पचास में बन जाती है तो दस हजार की बात दो चार हजार में तो बन ही जायेगी। इस प्रकिया पर कैसे रोक लगे इसमें काम करने की जरूरत है यह तभी संभव है जब प्रतिदिन का टारगेट पूरा करने का लक्ष्य रखा जाय वरना नौकरी से बाहर निकाला जाय क्योंकि ऐसा ही हुआ तो यह कानून भी वैसा ही होगा जैसा अब तक के होते आये है।
दूसरे नम्बर पर जो घटनाये आती है वह कार वालों को लेकर होती है उनका कोई नियम नही होता है और थोड़ा सा छू जाने पर बीच सड़क पर ही हंगामा खडा कर देते है। इस तरह के तंग रहीशों का आलम यह है कि उनके व्यवहार से और लोगों को कितनी पीडा हो रही है इस बात का ध्यान उन्हें नही रहता। ओवरटेक को लेकर भी काम करने की जरूरत है । नियम तोडने वालों को दबोचने व गाडी जब्त करने का प्रावधान होना चाहिये । ऐसा ही कुछ हाल आटो चालको का है वह बीच सड़क पर ही सवारी लेने लगते है। बस वाले भी सडकों पर सवारी चढाते उतारते है उन्हें कोई नही रोकता , सभी परेशान होते है जाम लग जाता है और कोई कार्रवाई नही होती । इन नबाबों को भी दायरे में लाने की जरूरत है। इन पर भी भारी जुर्माना होना चाहिये और विरोध करने पर जेल होनी चाहिये।
तीसरे नम्बर पर छोटे बच्चे आते है जो कि मनमाने ढंग से गाड़ियों को चलाते है और उनको बचाने के चक्कर में दुर्घटनाये होती है । इस तरह के बच्चों के प्रति उदारवादी रवैया न अपनाते हुए सख्ती से निपटना चाहिेये। यह उन मां बाप की कमी है जो इस तरह से अपने बच्चों को छूट देते है। बच्चा समझ कर इनको छोडना सबसे बडी सामाजिक गलती है। ऐसे वाहन चालकों की गाडी जब्त होनी चाहिये और मां बाप दोनों पर जुर्माना अलग अलग होना चाहिये। बिना इनपर अंकुश लगाये कुछ नही हो सकता। महिलाओं को भी उदार वादी रवैया देखते हुए छोडना नही चाहिये। क्योंकि आगे चलकर यही छूट दुर्घटनाओं का कारण बनता है। तमाम ऐसे जांच करने वाले कर्मचारी है जो कि महिलाओं पर जुर्माना नही लगाते और छोड देते है यह कहते हुए कि महिला है। यह सरासर गलत है।
अब बात उस तथ्य की करते है जिसे अछूता छोड दिया गया है डाइविंग लाइसेंस की । इस मामले में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है, आरटीओ आफिस बिना लेन देन किये यह जारी नही करता और उसके द्वारा जारी किये गये लाइसेंस को दूसरे राज्य वाला मानता नही है। सही मायने में देखा जाय तो एक खिडकी होनी चाहिये । आनलाइन लोगों को डाइंिवंग लाइसेस मिले और पूरें देश में मान्य हो। चाहे वह किसी भी श्रेणी का हो, इससे यह होगा कि दूसरे राज्य वाला धन उगाही नही कर सकेगा और अब तक जो अन्य राज्य का लाइसेंस होने के कारण दुर्घटना कर भाग जाते है वह पकड में बने रहेंगें। इसी तरह गाडियों के नम्बर लेने में भी धांधली है उसे भी आन लाइन कर समाप्त कर देना चाहिये। यही आरटीओ आफिस में भ्रष्टाचार का सबसे बडा जरिया है।
इसके अलावा गाडी चलाने का लाइसेंस उन्ही को दिया जाना चाहिये जो शैक्षिक योग्यता रखते हो। यह जरूरी भी है, दो पहिया वाहन वाले को हाईस्कूल , तीन व चार पहिया वाले को इंटर , छह व आठ पहिया वाले को बीए व दस पहिया या उससे ज्यादा चलाने वाले एम ए पास होना जरूरी कर देना चाहिये। जो वाहन टेक्निकल है जैसे मिलर, जेसीबी , हाईडा, टावर के्रन आदि को डिप्लोमा करने को चलाने दिया जाय । इससे देश को एक फायदा यह होगा कि अनपढ तो रेडी भी लगाकर काम कर लेगा , पढे लिखे लोगों का एक बडा वर्ग जो बेरोजगार है उसे नौकरी मिल जायेगी। पढा लिखा होने के कारण दुर्घटनायें भी कम होगी और वाहन कम्पनी को भी फायदा होगा कि मरम्मत के काम कर आयेगें।
फिलहाल जो कुछ हो रहा है वह अच्छा है लेकिन अभी और अच्छा होने की गुजांइश है जिससे इंकार नही किया जा सकता , उपर दिये गये बातोंपर सरकार यदि गौर करे तो आम आदमी को एक बहुत बडी राहत मिलेगी और देश से बरोजगारी तो कम होगी ही साथ ही बडी संख्या में दुर्घटनाओं में कमी भी आयेगी । इतना ही नही , देश को जुर्मानें के तौर पर एक अच्छी रकम का इजाफा भी देखने को मिलेगा।

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