एक पिक अप कार में एक इजरायली महिला को लगभग नग्न अवस्था में अपने पैरों से दबाए कुछ हमास के आतंकवादी हैं,और उनके इस कृत्य का”अल्लाह हू अकबर” के नारों से समर्थन करती एक भीड़ है. भीड़ जिसमें औरतें भी हैं और बच्चे भी।शनि लॉक “शांति के उत्सव” में शामिल होने गई थी और वहां उसके साथ “शांति के मजहब” के नाम पर,
बार बार बलात्कार और हत्या के बाद पुनः बलात्कार किया गया..!250 से 300 गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को इसी तरह चुन चुन कर,क्रूरता से मारा जा रहा है और कुछ भारतीय मुसलमान समेत कुछ बॉलीवुड और कुछ राजनैतिक पार्टियों के सेलेब्स फिलिस्तीन के साथ हैं,तुर्की,पाकिस्तान,यमन सऊदी में जश्न मनाया गया है ,भारत के कुछ मुस्लिम इलाकों में भी पटाखे फोड़े गए हैं,और अब जब इज़रायल जवाब देना आरंभ कर रहा है तो इस वक्त मक्का मदीना में गाज़ा के लिए मुस्लिम समुदाय दुआ करने बैठ गया है..।
मानव इतिहास ने ये बार बार देखा है कि संसार में इस्लाम नाम का एक मात्र पंथ ऐसा है,जो युद्ध की विभीषिका में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध को उत्सव रूप में मनाता है..।ये कृत्य कोई नया नहीं है हम सनातनी भारतीयों के लिए।
बिलकुल नहीं,हमें ये देखकर शॉक नहीं लगता अब,क्योंकि ये हमने बार बार होते देखा है,इस्लामिक क्रूरता देखनी की आदत सी हो गई है..। हमारे सनातन इतिहास में जिन राक्षसों,पिशाचों आसुरी शक्तियों का विवरण मिलता है,वो इन्हीं के पूर्वज लगते है।
आज जिस प्रकार फिलिस्तीन और इज़रायल की मस्जिदों से जेहाद का एलान हो रहा है,उसी प्रकार यहां भी मस्जिदों का इस्तेमाल किया गया था।19 जनवरी 1990 को इस्लामिक आतंकवादियों ने रालिव गैलिव या चलिव (“धर्म परिवर्तन (इस्लाम में), छोड़ो या मर जाओ”) और अल-सफा बट्टे दफा (अल्लाह के फ़ज़ल से कश्मीरी घाटी काफिरों से मुक्त होगी)जैसे जेहादी नारे लगाते हुए कश्मीर घाटी से कश्मीरी हिंदू पंडितों पर धावा बोला था और उन्हें चुन चुन कर मारा गया था..औरतों बच्चों के साथ यौन अपराध तब भी हुए थे और इन यौन अपराधों को कश्मीर की इस्लामिक महिलाओं और बच्चों ने सेलिब्रेट किया था और इस कृत्य से भारत का सो कॉल्ड शांतिप्रिय समाज खुश था..जैसे वो आज हमास के कृत्य की खुशियां मना रहा है और उसके कृत्य को सही बता रहा है।
आज भारत का ये शांतिप्रिय समाज हमास के इस कृत्य की खुशियां मना रहा है,मुस्लिम मोहोल्लों में पटाखे फोड़े गए हैं ।मिठाइयां बांटी गई हैं अल्लाह का शुक्रिया कहा गया है।ये वही मोहल्ले हैं जहां से सनातनी भारतीयों की शोभा यात्राओं के जाने पर,घरों से पत्थर बरसाए जाते हैं और पत्थर बरसाने में मुस्लिम महिलाएं स्वयं आगे होती हैं और अपने बच्चों को भी आगे करती हैं..।इसका कारण ये कि अगर गलती से पत्थर खा रहा सनातनी जुलूस,आत्मरक्षा में पत्थर चलाए तो वो वीडियो बना कर विक्टिम कार्ड खेल सकें कि “हाय हाय हमारी महिलाओं और बच्चों तक पर हमला किया इन काफिरों ने..दुनिया देखो देखो भारत में काफ़िर हम पर कितना ज़ुल्म करते हैं,अपने त्योहारों पर हम पर पत्थर चलाते हैं, इस्लामिक मुल्कों भारत को काफिरों से आज़ाद करो,गज़वा ए हिंद का ख्वाब पूरा करो,हम तुम्हारा साथ देंगे,तुम अल्लाह के वास्ते हमारा साथ दो” सभी आज हमास के साथ हैं और हमास के अटैक को सही बताने में लग गए हैं,वो इजरायल के आत्मरक्षा में उठाए कदम को इस्लाम पर हमला बता रहे हैं और उसे इंसानियत पर आक्रमण से जोड़ रहे हैं,उन्हें ये वीडियो नहीं दिख रहे जिसमें इजरायल की महिलाओं और बच्चों को घर से निकाल कर,नग्न किया जा रहा है और घुमाया जा रहा है,ताकि फिर एक भीड़ जिसमें बच्चे भी शामिल हैं उनका बार बार बलात्कार करें और फिर उनका सर कलम कर,सर तन से जुदा के नारों पर झूमें..।
आज संसार के हर कोने में मौजूद अधिकांश मुस्लमान हमास के साथ है,और वो साथ देंगे क्योंकि वो मानते हैं,काफिरों को मारना सही है, काफिरों की पत्नियों, माताओं, बच्चियों को रेप करना,उनको अपना सेक्स स्लेव बनाना सही है..क्योंकि उनको 1400 से भी अधिक वर्षों से ये ही रटाया जाता है,होश संभालते ही उनको ये बताया जाता है कि मुसलमान के अलावा हर काफ़िर तुम्हारा दुश्मन है,और उससे दोस्ती कर,उसे धोखा देकर उसे मारना भी सही है,उसे कैसे भी,लालच या मौत के डर दिखा कर इस्लाम कुबूल करवाना सही है..जब कोई बच्चा ये मान ले कि वो जिसे मानता है,वो अल्लाह उसके साथ है जब वो किसी गैर मुस्लिम महिला का रेप करेगा,तो वो बिना हिचके ये करेगा
जैसे आज इजरायल के प्रतिकार पर वो खुल कर हमास के लिए जेहाद में एकजुट होने की बात कह रहा है और बेशर्मी से कह रहा है,उसे किसी बात का डर नहीं,ना शर्म है,उसे सही गलत से कोई मतलब नहीं,उसे मतलब है,बस अपनी कौम से और कौम की जीत से,फिर वो जीत कैसे भी मिले,फिर उसके लिए कुछ भी करना पड़े,किसी की आवाज़ को दबाना पड़े,किसी भी आवाज़ उठाने वाले के परिवार की महिलाओं का चित्र एडिट कर उसे बदनाम करना पड़े,या उनका नंबर लीक कर उन्हें धमकियां और गालियां दिलवानी पड़े या बस एक दिन रेकी कर गाड़ी से सड़क चलते रौंदना पड़े,तो वो करेंगे,और वो कर रहे हैं,इस समय भी जब आप ये पढ़ रहे हैं,एक आवाज़ कहीं दबाई जा रही है!
अब हम उनसे नफ़रत नहीं करते हैं,पर वो हर गैर मुस्लिम से नफ़रत करते आए हैं और करते रहेंगे,उनकी तो मोहब्बत भी एक मकसद का हिस्सा है,ये सत्य जानना और सबको स्मरण कराते रहना आवश्यक है,ये नफ़रत फैलाना नहीं ।ये शत्रुबोध कराना है,और शत्रुबोध होना सनातनी समाज के लिए बेहद आवश्यक है।भारत इज़रायल से बुरी स्थिति में है,भारत में सैकड़ों हमास हैं हजारों गाज़ा हैं..।
भारत के ये शत्रु सीमा के बाहर और भीतर दोनों हैं,ये हर राज्य में हैं,ये हर मोहल्ले में हैं,और मौका मिलते ही ये वार करते हैं और आबादी के बढ़ते ही ये एक एक मोहल्ला,एक एक शहर,एक एक राज्य में वही करेंगे जो इन्होंने कश्मीर में किया,जो इन्होंने दिल्ली में किया,जो ये केरल और बंगाल में कर रहे,और जो अब कर्नाटक में होना शुरू हो चुका.. आज आप जहां भी हैं,इज़रायल का समर्थन कीजिए,क्योंकि आप आज इज़रायल का समर्थन नहीं कर रहे,आप समर्थन कर रहे हैं,आत्मरक्षा का,मानव–धर्म का,सत्य का और भारत के मित्र का,वो मित्र जो कश्मीर मुद्दे से चीन वाले मुद्दे पर,भारत के साथ रहा है और अगर आप चुप रहते हैं,न्यूट्रल रहना चाहते हैं ।तो एक प्रकार से,आप भी,इस्लामिक जेहाद का मौन समर्थन करेंगे।आप भी उस महिला के अपराधियों की श्रेणी में आयेंगे,जो वहां उसे इस समय नोच रहे हैं..।