आजतक न्यूज चैनल पर एक डिबेट चल रही थी और उसमें कितनी
गम्भीरता थी यह बात इससे पता चलती है कि उसके एक प्रतिभागी ने कहा कि हमने
शाहीनबाग में दस मीटर पर खाट लगवायी है ,
इसलिये करोना क्या उसका बाप भी कुछ नही
कर सकता।सैकडों की भीड मत इकट्ठा करें केजरीबाल ने कहा तो मिनी भाजपाई कहकर उनका
माहौल चेैनल पर उठाया कहा कि हनुमान मंदिर पर सैकडों लोगों को भाजपाई मास्क बांट
रहे थे और सेनेटाइजर दे रहे थे तो वहां यह बात क्यों नही कहा जा सकता । दोनों के
लिये अलग अलग मापदण्ड क्यों ?
हम देश के गंम्भीर मसले को लेकर डिबेट
कर रहें है और बात क्या कर रहें है । लोगों केा बचाना नही है उन्हें महामारी के
चपेट में लाना है ताकि देश बदनाम हो सके और करोना से मरने वालों का संख्या बढाकर
देश केा पीछे ले जाना चाहते है। जरा सोचिये जो सार्वजनिक मंच से इस तरह का काम कर
सकते है उनका देश के प्रति व्यवहार कैसा होगा। इसलिये इन्क्यूबेशन पीरियड और
कोरोना महामारी की गम्भीरता को समझिए,साहसी बनिए पर सिर्फ हम ही बुद्धिमान है ऐसा समझने की बेवकूफी
मत कीजिए ।
अमेरिका, यूरोप, प्रधानमन्त्री
कार्यालय अन्य सभी को बेवकूफ मत समझिए जो स्कूल, कॉलेज, मॉल
बन्द करवा रहे है ।बहुत आवश्यक हो तो बाजार से सामान जरूर लें पर शर्ट या जूते एक
महीने बाद भी खरीदे जा सकते है । रेस्टोरेंट एक महीने बाद भी जा सकते है ।यह मैं
इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि कई जानकारों को ऐसा करते देखा है । यह बहादुरी नहीं
मूर्खता है । ऐसे लोग अब भी गम्भीरता को नहीं समझ रहे है ,लापरवाही से आप अपने
साथ उन अनेक लोगों की जान लेने का प्रयास कर रहे है जो देश के लिए या अपने लिए
जीना चाहते है । इन्क्यूबेशन पीरियड का खेल समझिए जिसे न समझने से इटली बर्बाद हुआ
है ।आप हम में से कोई भी कोरोना से इन्फेक्टेड हुआ तो ऐसा होते ही तुरन्त उसमें
बीमारी के कोई लक्षण नहीं होंगे । उसे खुद भी मालूम नहीं होगा कि उसे कोई परेशानी
है या वायरस का इन्फेक्शन हो गया है परन्तु उससे अन्य व्यक्ति में इन्फेक्शन
ट्रांसमिट हो सकता है । वायरस से इन्फेक्ट होने से 14 दिन बाद तक कभी भी
लक्षण आ सकते है ।इसलिए आप और हम स्वस्थ लगने वाले व्यक्ति के साथ बैठे हो तब भी
हो सकता है वह इन्क्यूबेशन पीरियड में हो ऐसे में हो सकता है हम कोई इन्फेक्शन
अपने साथ ले आए और अपने परिवार के सदस्यों या अपने कलीग्स को दे आए । यह हमें भी
पता तब चलेगा जब बीमारी के लक्षण दिखने लगेंगे ।मैं किसी पैथी की बुराई नहीं कर
रहा हूँ लेकिन कोई कितने ही दावे करे सच यह है कि कोरोना-19 का इलाज नहीं है । जो
कह रहा है उसके पास इलाज है वह सफेद झूठ बोल रहा है । जिस दिन बीमारी दिखेगी उस
दिन उस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता और वायरस की बीमार करने की क्षमता तथा
उसके फेफड़ों, हार्ट, गुर्दे
जैसे अंगों का सामर्थ्य तय करेगा कि वह जिन्दा बचेगा या नहीं|
इसलिए यह दुस्साहस दिखाने वाले लोग अपने ही घर के वृद्ध लोगों के हत्यारे साबित होंगे जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है ।घबराने की आवश्यकता नहीं है पर अनावश्यक गोष्ठियां, घूमना, मिलना कुछ दिनों के लिए बन्द कीजिए । केवल ये दूरियां ही बचा सकती है मास्क, ग्लव्ज, सैनिटाइजर कोई भी प्रोटेक्टिव नहीं है सिर्फ सहायक हो सकते है । अपनी नहीं भी करते हो पर अपनों की चिंता कीजिए । आपको जिन्होंने जीवन दिया है उन्हें मौत मत दीजिए ।अभी भी वक्त है सावधान हो जाइए । जो लोग इतनी कवायद कर रहे है उन सबको बेवकूफ मत समझिए वरना भारत में आंकड़ा किस कदर भी पार कर जाए तो भी आश्चर्य नहीं होगा ।चीन और इटली के हालात देखने के बावजूद जो बड़ी गलती स्पेन ने की वो अब भारत में न दोहरायें।
पिछले सप्ताह कोरोना मरीजों की संख्या देखते हुए सरकारी आदेश से स्पेन के स्कूल कॉलेज बंद करवा दिये गये तो कई बच्चे और उनके माता पिता, दादा दादी नाना नानी आदि पार्क में पिकनिक करने लगे। इसका नतीजा यह हुआ कि अचानक से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। तब सख्ती से और दंड से लोगों को समझाया गया कि यह छुट्टियों का समय नहीं बल्कि आपातकाल है। सख्ती से घर पर रहने के आदेश दिये गये। किंतु इस बीच इनफेक्शन कहाँ तक और कितना फैल गया, फिलहाल इसका अंदाजा नहीं है। आगे आने वाले दो सप्ताह में इसका पता लग ही जायेगा। भारत के निवासियों से निवेदन है, इन बड़ी बड़ी गलतियों से सबक लें, अभी से जागरूक हो जायें और कोशिश करें कि अधिक लोगों से न मिलें। जहाँ भी भीड़ की संभावना हो, यदि अत्यंत आवश्यक न हो तो वहाँ न जायें। कुछ दिन घर में रहें तो सभी सुरक्षित रहेंगे। अपने कॉमन सेंस का प्रयोग करें कि यदि बाहर जाने की वाकई जरूरत न हो तो परिवार सहित घर में ही बने रहें। जरूरी होने पर मास्क अवश्य लगायें। साबुन से बार बार हाथ धोयें । कोई भी पारिवारिक या सामाजिक उत्सव कुछ समय के लिये स्थगित कर दें। आप जितने कम लोगों से मिलेंगे, आप और आपके अपने उतने ही सुरक्षित रहेंगे। याद रखिये कि समझदारी से उठाया गया आपका प्रत्येक कदम इस महामारी से लड़ने में अत्यंत प्रभावशाली तौर से सहायक हो सकता है। भीड़ से बचें, जागरूकता के साथ सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें।