ऐसे लोग जो देश के विभाजन के समय या फिर 1962 ,1965 और 1971 के युद्ध के बाद चीन पाकिस्तान में जाकर बस गए नागरिकता ले ली ।भारत के रक्षा अधिनियम 1962 के तहत सरकार उनकी संपत्ति को जप्त कर सकती है और संरक्षक नियुक्त कर सकती है देश छोड़कर जाने वाले ऐसे लोगों की भारत में संपत्ति शत्रु संपत्ति कहलाती है जिस पर कुछ ही दिनों में एक नया कानून आने वाला है और सरकार ने स्पष्ट किया है शत्रु संपत्ति से कब्जा हटेगा। अवैध कब्जे पर जल्द ही सर्वे का कार्य शुरू हो जाएगा।
21 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में अगले माह शत्रु संपत्तियों का सर्वे कराकर सीमांकन के बाद भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा और मंत्रालय उसकी नीलामी करेगा ।बीते माह चिंतन शिविर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संपत्ति के मुद्दे पर प्रमुखता से उठाया था जिसके बाद यह कदम उठाया जा रहा है । रक्षा महानिदेशालय और जिला प्रशासन के साथ मिलकर राष्ट्रीय सर्वे करेगा इसकी शुरुआत नोएडा ग्रेटर नोएडा से होगा ।शत्रु संपत्ति के अंगरक्षक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि देश में कुल 12615 शत्रु संपत्ति है इसमें 11607 चिन्हित है। भूमि कितने एकड़ में है अभी इसकी ठोस जानकारी नहीं है लेकिन जल्द ही पता लगा लिया जाएगा।
वर्तमान में अधिकांश शत्रु संपत्तियों पर अवैध कब्जा है ।कुछ संपत्ति को गृह मंत्रालय ने किराए पर दे रखा है ।जिसकी दर नाम मात्र है नोएडा व ग्रेटर नोएडा मेंहै। कई सत्र संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कर दिया गया है ।वहां कई परिवारों का निवेश है ऐसी शत्रु संपत्ति को खाली कराना चुनौतीपूर्ण होगा। मोदीनगर में जिला प्रशासन ने 576 बीघा शत्रु संपत्ति को अवैध कब्जे से मुक्त कराया है ।असल में शत्रु संपत्ति या अधिनियम वर्ष 1968 में पारित हुआ था लेकिन तब से अब तक जिला प्रशासन मैनुअल सर्वे किया है। उसकी कोई प्रमाणिक रिपोर्ट विभाग को नहीं सौंपी गई है। अब संपत्तियों का प्रमाणिक सर्वे कराया जाएगा डीजीडीई सर्वे कराएगा और जिला प्रशासन बाजार मूल्य के अनुरूप कीमत का आकलन करेगा।
इन संपत्तियों की बात करें तो दिल्ली में सदर बाजार, चांदनी चौक ,जामा मस्जिद में 660 शत्रु संपत्ति है। अधिकांश में दुकानें चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि सीमांकन के बाद कई शत्रु संपत्ति ऐसी सामने आएंगी जिसका बाजार मूल्य 10000000 या उससे कम होगा। ऐसी भूमि को खरीदने का सर्वप्रथम विकल्प उन लोगों के पास होगा ।जो वहां दुकान चला रहे हैं ।यदि वे सक्षम है तो गृह मंत्रालय कानूनी रूप से उन्हें भूमि सौंप देगा।
राज्यवार संपत्तियों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में 6255 शत्रु संपत्तियां हैं जिनमें से 3797 चिन्हित कर दी गई है ।बंगाल में 4000 अट्ठासी सत्तर संपत्तियां हैं जिसमें से 810 चिन्हित कर ली गई है ।दिल्ली में 66017 संपत्तियां हैं जिसमें से 323 चन्हित कर ली गई है ।महाराष्ट्र में 211 शत्रु संपत्तिया है जिसमें से 84 चिन्हित कर ली गई है। गुजरात में 15117 संपत्तियां हैं जिसमें पंचानवे चिन्हित कर ली गई ।हरियाणा में 71 शत्रु संपत्ति है जिनमें से दो चिन्हित कर ली गई है ।उत्तराखंड में 70 संपत्तियां हैं जिसमें से 68 चिन्हित कर ली गई है।
अब सवाल यह उठता है कि इन शत्रु संपत्तियों का निस्तारण कैसे होगा यह खाली तो नहीं पडी होंगी इस पर किसी ने किसी का कब्जा होगा और जिसका कब्जा होगा वह बहुत ही प्रभावशाली होगा। उसकी प्रशासन व राजनीतिक पकड़ भी पक्ष होगी। सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती से खाली कराने की होगी।