कहते हैं कि निर्धनता अभिशाप है। इस देश में हर वर्ष 3 लाख लोग भूख से मर जाते हैं। 26 करोड़ लोग गरीबी की रेखा से नीचे हैं या यो कहिए कि 26 करोड़ लोग भूखो सोते है। भूखे को भोेजन देना दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है। इसके अतिरिक्त आंकड़े बताते हैं कि इस देश की आबादी का 50 प्रतिशत लोग 25 वर्ष से कम आयु के युवा हंै। जिनमें 13 प्रतिशत बेरोजगार हैं। इतनी बड़ी भुखमरी एवं बेरोजगारी को देखत हुए राजधर्म की प्राथमिकता होनी चाहिये कि सबसे पहले एक परिवार में एक व्यक्ति को कम से कम 15000 रूपये महिने का रोजगार अवश्य मिले। तदनन्तर अन्य लोगों को भी रोजगार सम्पन्न बनाया जाएगा। किसी को न तो भूखा सोने दिया जाएगा न ही मरने दिया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी तथा जवाबदेही जिलाधीश की तय कर दी जाएगी। यदि ऐसी घटना घटती है तो जिलाधीश को सख्त सजा दी जाएगी तथा उसे नौकरी से भी बर्खाश्त किया जाएगा।
राजधर्म रोजगार के लिए एक ब्लूप्रिन्ट तैयार किया है जिसके अनुसार निम्न क्षेत्रों मे लाखो व्यक्तियों को रोजगार मिल सकता है केवल प्लानिंग व उचित प्रबन्धन तथा मार्किटिंग की आवश्यकता है-
1. एक अलग से रोजगार मंत्रालय बनाया जायेगा।
2. 700-800 ऐसे आईटम हैं जो लघु एवं कुटीर उद्योगों मे बनते हैं तथा जिनको पारिवारिकध्घरेलु एवं लघु उद्योगों में विभिन्न श्रेणियों के शिल्पकार बनाते हैं, उन सभी वस्तुओं को कानुनन बडे़ उद्योगों में बनाने पर रोक लगा दी जायेगी। बड़े उद्योग या बहुदेशीय कम्पनीया उसी स्थितिमें उनका उत्पादन कर सकेंगी जब घरेलु एवं लघु उद्योग मांग की पूर्ति नहीं कर पाएंगे। पारिवारिकध्घरेलु लघु उद्योगों में बनने वाले इन आईटम को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए तकनीकि के विकास करने के लिए तकनीकि संस्थानों को आवश्यक निर्देश व सहायता दी जाएगी। तथा उनके विपणन की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से होगी। प्राईवेट विपणन कम्पनीयों को भी 25 प्रतिशत सामान पारिवारिकध्घरेलु लघु उद्योगों से खरीद कर बेचने का कानुन पास किया जाएगा। इसके अतिरिक्त निम्न योजनाओं को लागू किया जाएगा-
3. भारत मे लगभग 15 लाख लोग मिट्टी के बर्तन एवं अन्य सामानबनाने का कार्य करते हैं। जिनके मिट्टी के सामानोंका प्रयोग लगभग 10 करोड़ लोग करते हैं। यदि 50 करोड़ लोग यानि कि दस करोड़ परिवार मिट्टी के सामान का प्रयोग करने लगे तो 75 लाख लोगों को कार्य मिल जाये इसके लिए मिटटी के समान की गुणवत्ता एवं स्वास्थ्य के लिए उपयोगिता के बारे में शोध, प्रचार एवं मार्किटिंग और टैªडिंग की जरूरत है। जिसे देश की सरकार,और परम्परागत कार्य पर शोध करने वाले संस्थान (जिनके खोलने की आवश्यकता है) कर सकते है।
4. भारत मे केवल दस लाख लोग ही खादी पहनते हैं तब खादी उद्योग में एक लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है यदि देश के दस करोड़ लोग खादी कपडे़ पहनने लगेे तो एक करोड़ लोगो को रोजगार मिल सकता है। खादी स्वास्थ्योपयोगी वस्त्र है अतः राजधर्म का तकाजा़ है कि इसके लिए जनचेतना लाई जाए तथा खादी ग्राम उद्योग दुकाने मुद्रा बैंक के माध्यम से हर कस्बे में खुलवाई जाएं। खादी के प्रचार प्रसार मार्किटिंग को नई दिशा दी जाए।
5. भारत में गुड़, शक्कर कोल्हू द्वारा 50 लाख किसान मजदूरों को रोजगार मिल रहा है यदि गुड़ शक्कर के औषधीय गुणांे का प्रचार प्रसार हो इसके लिए कृषि मंत्रालय मे एक विभाग बनाया जाए। उनके अन्ताराष्ट्रीय स्तर के निर्माण एवं पैकिंग की तकनीकि मुहैया कराई जाए। ताकि उत्तम औषधीय गुणवाले गुड़ शक्कर का विदेशों तक निर्यात हो सके एवं अधिक से अधिक लोग भी स्वास्थ्य की दृष्टि से उसका उपयोग कर सकें। इससे 50 लाख किसान मजदूरों के स्थान पर 2 करोड़ किसान मजूदरों को रोजगार मिल सकता है। कृषि मंत्रालय, वित्त मंत्रालय व प्रधानमंत्री कार्यालय इस पर ध्यान दें।
6. आर्गेनिक सब्जी, फल, दलहन, चावल मशाला तेल आदि खाद्य पदार्थो का उचित प्रचार प्रसार कर, स्वास्थ्य से इनका प्रयोग जोड़ कर लोगो को खाने के लिये प्रेरित किया जाएगा तथा भारत एवं विदेशांे मे रेस्टोरेन्ट खुलवायें तो 50 लाख किसान परिवारों को नये रोजगार मिलंेगे तथा 1 लाख युवाओं को (रेस्टोरेन्ट) में नये रोजगार मिलेंगे। भारत में 3-5 लाख दुकान खोलकर नए रोजगार पैदा किये जाएं।
7. प्रत्येक गांव मे डिप्लोमा धारक वैद्यों को छोड़ा जायेगा।इससे 6 लाख युवाओ को सेवा का अवसर मिले।
8. आयुर्वेदीय औषधियों की खेती को बढ़ावा एवं सहायता देकर औषधि उद्योग को विकसित किया जाएगा जिससे एक करोड़ लोगो को रोजगार मिल सके।
9. भारत मंे लगभग 50 लाख लोग घरेलू स्तर पर लकड़ी का समान बनाते हैं। लकड़ी के सामान का तकनीकी रूप में बढावा दे व प्रचार हो तो देश में एक करोड़ लोगोंको रोजगार मिल सकेगा। लकड़ी के समान की बड़े उद्योगों में उत्पादन पर रोक लगा दी जाएगी तथा चाईना के फर्नीचर पर भी रोक लगा दी जाएगी जिससे रोजगार के और अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही पौपलर पेड़ो की बागवानी से लाखों किसानो की आमदनी बढेगी।
10. घरेलु, ग्रामीण एवं लघु उद्योगों के सामान के विपणन के लिए‘‘स्वदेशी शापिंग माॅंल’’गांव एवं शहरों मे खोले जाएंगे जिनके द्वारा 1 करोड़ लोगो को रोजगार दिया जा सकता है। इसमें सरकार स्वयं तथा स्वदेशी प्राईवेट उद्योगपतियो को धन लगाने के लिए प्रेरित करेगी। जहां पर घरेलू उद्योगों का माल ठीक दामों पर खरीदा जा सके तथा उसका विपणन हो सके।
11. छोटी तकनीक आधारित इलैक्ट्रिक एवं इलैक्ट्रोनिक उद्योगों (जैसे खिलोने आदि, लाईट, बैट्री मोबाइल आदि) को विकसित कर तथा मोबाईल-कम्प्यूटर एसेम्बिली द्वारा 2 करोड़ लोगो को रोजगार मिल सकता है। इसमें मशीनांे के पुर्जे सार्वजनिक क्षेत्र की अथवा स्वदेशी प्राईवेट कम्पनीयों द्वारा बनाये जाये।
12. प्रत्येक गांव में कम से कम दो विद्युत-सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई टयूबैल लगाकर गरीब किसानों को दस रूपये घन्टे सिंचाई पानी देंगे तो तो किसानो को आर्थिक लाभ के साथ दस लाख लोगो को रोजगार मिले।
13. बेरोजगार युवकों को आवश्यकतानुसार गांव एवं शहरो मंें ई-रिक्शा उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे लाखों लोगों को रोजगारदिया जाएंगा। यह विद्युत व सौरऊर्जा से चालित हांेगी। अतः पर्यावरण संरक्षण भी बना रहे।
14. विधवाओ तलाक शुदा महिलाओ को विशेष मुहिम के तहत मकान बनायेंगे व रोजगार देंगे इससे दस लाख लोगो को रोजगार मिले।
15. एक-एक करके प्रत्येक गांव एवं कस्बे को पूर्णतः स्मार्ट गांव रूप में विकसित किया जाएगा। सभी सुविधाओ के साथ ताकि लोगों को गांव छोडकर न जाना पडे। इस प्रक्रिया में भी गांव में रोजगार उत्पन्न हों।
16. शहरों की भीड़ कम करने के लिए साफटवेयर कम्पनियो को गांवो में बसायेंगे। इसके लिए गांवो को आधुनिक ढंग से विकसित किया जाएगा। जिसके विकास के लिए सहकारी समितियां बनाकर ग्रामीण युवाओं को आर्थिक सहायता दी जाएगी ताकि लाखों ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिल सके। वे अपनी नई विकसित कालोनियों को साफटवेयर कर्मचारियों को किराये पर देकर भी पैसा कमा सकें।
17. पांच गाॅवों के बीच केन्द्र में गोबर एकत्र केन्द्र बनाया जायेगा। गांव-गांव से गोबर एकत्र होगा तथा वहां गोबर से गैस,खाद, कीटनाशक द्रव्य बनेंगे तो गोबर एकत्रिकरण से लेकर गोबर गैस,खाद, कीटनाशक निर्माण से बिक्री तक 2 करोड़ युवकों को रोजगार मिलेंगे वो यहां गैस को बेचेंगे जबकि खाद किसानों को सस्ते दामों पर देंगेे। जिन मजदूरों से गोबर खरीदें उन्हे कम मूल्य पर बायौगैस बेचेगें। बैंक से ब्याज मुक्त लोन दिये जाएंगे। सरकार तकनीकी सहायता और ट्रेनिंग देगीे। खाद व गैस खरीदने के लिएबोंडभरवाए जायेंगे (आठ वर्ष हेतू) माकेर्टिग सरकार करेगी तथा गऊशाला समिति बायोगैस, खाद, कीटनाशक द्रव्य आदि बनायेगी तो अप्रत्यक्ष रूप 50 लाख ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिलेगा।
18. दस वर्षो में सड़को किनारे 25 हजार गोबर गैस फिलिंग पंप लगेगे तथा 10 लाख गोबर गैस चालित वाहन चलेंगे। प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप मे 50 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा।
19. आधुनिक बैल अथवा घोडा बग्गी-बैलध्घोडा तांगे में तिल्ली वाले रबर-हवा के टायर लगे तथा कमानीध्सौकर लगे, इनमें डायनमो से विद्युत बनकर चलती गाड़ी मे बल्ब जलने का उपकरण लगे तो गांवो में सफर आसान होगा तेल बचेगा व देश के लगभग एक लाख लोगो को इस कार्य हेतु काम दे सकेंगे।
20. सरकारी आर्थिक सहायता से सिर पर गट्ठर ढोने वालो के लिए फोल्ंिडग रिक्सा बनेगी जोकि घास लाने में मेनवल ट्राली रूप में काम करेगी इसमे पहिए लगे होगे (हल्के)। इस रिक्शा के निर्माण से भी एक लाख लोगों को काम मिल सकेगा।
21. दस हजार रूपये वाले ई-साईकिल तैयार करेगें इनको बनाने का साधारण रजिस्ट्रशन होगा ये कस्बो, गावों में बनेगे तो गरीब जो कई मिल से कारखानों में काम करने आतें जाते है उनको फायदा होगा। लगभग देश मे ऐसे ई-साईकिल तैयार करने वाले 20 हजार लघु कारखाने होंगे जिनसे चार पांच लोग कार्य करें तो एक लाख युवकों को काम मिलेगा।
22. प्रत्येक वर्ष दो लाख गाड़ियो को पेट्रोल से इलेक्ट्रीक गाडी में बदलेगे तथा सौरऊर्जा प्लेट भी इन पर लगेगी। व सडको पर स्थान-स्थान मेंम.तपबोंए बंतए साईकिल चार्ज करने के स्टेशन लगेगे तो करोडों युवाओं को रोजगार देंगे। ये युवा ई-वाहनो को चार्ज के साथ गैस सिलिन्डर या अन्य ऊर्जा आदि कि दुकान खोल सकेंगे या केवल ई-चार्जर लगा कर सड़को के किनारे पर कार्य करेंगे ये किसी भी साईकिल, कार में बैटरी$मोटर फिट कर ई-वाहन बनाने वाले मिस्त्री के रूप में भी कार्य कर सकेंगे। इनसबको कोशल विकास के अन्तर्गतसहायता से जोड़ा जाएगा।
23. मधुमक्खी पालन हेतू मजदूरों को आर्थिक सहायता दी जाएगी तथा सरकारी खाली जमीन पर या सम्भव हुआ तो सड़कों किनारे सरकारी भूमि पर वृक्ष तथा फूलदार पौधे लगवाकर मधुमक्खी पालनकरवाएंगे। जिससे लगभग पांच करोड़ युवाओं को रोजगार मिलगा। सरकार ध्यान देगी कि जनता चीनी के स्थान पर शहद, गुड़ शक्कर की और आकर्षित हो तथा चीनी को निर्यात कर दिश जाए। इससे धन भी मिलेगा स्वास्थ्य भी। इससे प्रतिवर्ष 50 हजार करोड रूपये प्राप्त होंगे यदि 5 लाख गांव में 30-40 युवा हर गांव में मधुमक्खी कार्य करें।
24. तथा चीनी की खपत कम होने से गन्ने की खपत भी कम हो जायेगी। तो बचे हुए गन्ने से एल्कोहल बनाकर पेट्रोल में 25 प्रतिशत एल्कोहल मिलाकर वाहन चलाए जाएंगे जिससे पैट्रोल का आयत कम होने से विदेशी मुद्रा बचेगी व ढेरों किसानों की भी आमदनी बढेगी। इससे प्रतिवर्ष 1 लाख करोड़ रूपये प्राप्त होंगे। प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप मे 50 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा।
25. भ्रष्टाचार रोकने के लिए तथां रिश्वतखोरां की धड़पकड़केलिए भ्रष्टाचार निरोधकएन. जी. ओ. बनाएं जाएंगे। रिश्वतखोरां भ्रष्टचारियों को सबूत सहित पकड़वाने मे सहायता करनेवाले को इनाम (1 लाख से 50 लाख रू तक) दिया जाएगा जिसकी वसूली भ्रष्ट तथा रिश्वतखोर कर्मचारी अथवा अधिकारी से की जाएगी। इससे 30-40 हजार युवाओ को रोजगार मिलेगा। तथा प्रतिवर्ष 50 हजार करोड रूपये भ्रष्ट अधिकारियों की जेब में जाने से बचेंगे। लोगों की रिश्वत देकर काम कराने की आदत को रोकने के लिए तत्काल अर्थात् तीन दिन में काम करने की फीस लगा दी जाएगी उस फीस का 10 प्रतिशत हिस्सा तत्काल काम करने वाले कर्मचारी को भी दिया जाएगा ताकि वह प्रोत्साहित रहे तथा बाकि पैसा सरकार के खजाने में आयेगा। लोगोें का काम तत्काल होने से स्वतः भ्रष्टाचार का खत्मा होगा।
26. किसी भी प्रकार का घरेलू, छोटा, बड़ा रोजगार करने के लिए रजिस्टेशन कर लाइसैंसिग व्यवस्था होगी। जो मजदरी भी करेंगे उनको भी लाईसैंस लेना होगा। किसी भी रोजगार को करने के लिए लाईसैंस उस व्यक्ति की रोजगार योग्यता के आधार तथा उस रोजगार से जुड़े नियम कानून की जानकारी के आधार पर दिया जाएगा। उसके लिए आवश्यक हुआ तो परीक्षा भी लेने का प्रावधान रखा जाएगा। लाईसैंस देने से पहले लाईसैंस धर्ता को आधार कार्ड के द्वारा बैंक खाते से जोड़ना अनिवार्य होगा ताकि उसकी आय सीधे बैंक में जा सके तथा उसकी आय का ब्योरा सरकार को मिल सके। सरकार चाहेगी की हर व्यक्ति की प्रारम्भ में कम से कम 15000 रूपये प्रति मास की आमदनी हो। तय सीमा से कम आमदनी का ब्योरा मिलने पर उसकी आमदनी बढाने के अन्य उपाय भी किए जा सकेंगे। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता का होना अत्यावश्यक है।
27. घरों में काम करने वाले महिला और पुरूषों को भी रजिस्टेशन कर लाईसेैंस दिये जायेंगे। जिन-जिन घरों में वे काम करेंगेउनके मालिक उनको जो भी पारिश्रमिक देंगे वह उनके खातों भेजा जाए। एक महिला व पुरूषअपनी क्षमता अनुसार एक या एक से अधिक घरों में भी काम कर सकता है। यदि कोई मालिक दो या तीन लोगों को मिलाकर 15 हजार या उससे से ज्यादा मासिक पारिश्रमिक खाते में भेजता है तो उतने पैसे का उसका इन्कमअैक्स माफ कर दिया जाएगा। 5000 रूपये मासिक पारिश्रमिक देने पर प्रतिदिन 3 घंटे पार्ट टाईम काम करने के लिए किसी भी व्यक्ति को लगाया जा सकेगा है। यदि पूरा 8 घंटे काम लेना है तो 15000ध्-(ई.एस. आई. तथा ई. पी. एफ. के अतिरिक्त) देना होगा। ऐसा इसलिए करेंगे कि इस देश में 25 करोड़ लोग मध्यम श्रेणी के हैं तथा वे 2 से ढाई लाख तक का टैक्स भी देते हैं। उनकी क्षमता है कि वे घरों में काम करने वाली बाई, ड्राइवर, माली आदि रख सकते है। यदि यह सब ठीक ढंग से क्रियान्वित हो तो इस देश में कोई भी मजदूर व्यक्ति बेरेजगार व भूखा नहीं रहेगा। कालोनियों के पास घरेलू नोकरों के सस्ते में किराऐ पर मिलने वाले फलेट बनवाने की भी व्यवस्था की जायेगी।
28. लाईसैंसिग एवं बैंक खाते पारिश्रमिक का प्रावधान इसलिए रखा गया है कि हर व्यक्ति की आय का कुछ प्रतिशत पैसा उसके ई.एस. आई. तथा ई. पी. एफ. के लिए काटा जा सके ताकि इसके बदले उसे ई.एस. आई. हास्पिीटल में मुफत इलाज मुहिया कराया जा सके तथा उसको बुढापे में पैंशन मिल सके।
29. सब लोगों को नौकरियां विभाग एवं विषय की योग्यता के आधार पर दी जाएंगी। नौकरियों में इन्टरव्यू खत्म करेंगे, जरुरत होने पर दो बार परीक्षा हो सकेगी।