जो विश्व के पास है वह 5000 साल पहले से भारत के पास है।


’हमारे महाभारत में वर्णन है कि दानवराज मय ने अपने वास्तु कौशल से महाराज युधिष्ठिर के लिए एक ऐसा महल बनाया, जिसमें जल के स्थान पर स्थल तथा स्थल के स्थान पर जल का भ्रम हो जाता था। इस बात पर पश्चिम ने हमारा उपहास किया और आज जाकर वे थ्रीडी फ्लोरिंग के नाम पर पूरी दुनिया को वही बेच रहे हैं, जो हमारे पास पांच हजार वर्ष पहले से था।’

’हमारे महाभारत में वर्णन है कि कौरवों का जन्म एक मांसखण्ड के रूप में हुआ था जिसके बाद उन्हें विभाजित कर विशेष औषधि से युक्त घड़ों में रख दिया गया, जिससे उनके देह का अग्रिम निर्माण हुआ। इस बात पर पश्चिम ने हमारा उपहास किया और आज जाकर वे टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम पर पूरी दुनिया को वही बेच रहे हैं, जो हमारे पास पांच हजार वर्ष पहले से था।’ 

’हमारे महाभारत में वर्णन है कि मन्त्रिवर संजय एक ही स्थान पर बैठे हुए पूरे युद्ध के घटनाक्रम को देख कर यथावत् वर्णन कर रहे थे। इस बात पर पश्चिम ने हमारा उपहास किया और आज जाकर वे इंस्टेंट वीडियो कॉलिंग के नाम पर पूरी दुनिया को वही बेच रहे हैं, जो हमारे पास पांच हजार वर्ष पहले से था।’

’हमारे महाभारत में वर्णन है कि भगवान् श्रीकृष्ण ने जयद्रथ वध में अर्जुन की सहायता हेतु सूर्यास्त का भ्रामक दृश्य प्रस्तुत कर दिया था। इस बात पर पश्चिम ने हमारा उपहास किया और आज जाकर वे थ्री डी होलोग्राम इफेक्ट्स के नाम पर पूरी दुनिया को वही बेच रहे हैं, जो हमारे पास पांच हजार वर्ष पहले से था।’

’हमारे महाभारत में वर्णन है कि लाक्षागृह से सुरंग के माध्यम से बाहर निकलने के बाद नदी पार करने के लिए महामना विदुर जी की ओर से पांडवों के लिए चालक रहित, स्वचालित जलयान की व्यवस्था की गई थी। इस बात पर पश्चिम ने हमारा उपहास किया और आज जाकर वे ऑटोमेटिक ड्राइवरलेस मोटरबोट के नाम पर पूरी दुनिया को वही बेच रहे हैं, जो हमारे पास पांच हजार वर्ष पहले से था।’

’सार यही है कि हमारे सभी धर्मग्रंथों में वास्तविक इतिहास, कल्याणप्रद विज्ञान और अद्भुत सामाजिक व्यवस्था आदि भौतिक विषयों के साथ साथ अपने उद्धार हेतु पारमार्थिक तपोमय मोक्षमार्ग का भी प्रदर्शन किया गया है। हमारे यहां धर्म किसी काल्पनिक धारणा या अंधविश्वास का नहीं, एक सम्पूर्ण अस्तित्व का नाम है, जिससे हमारी संस्कृति, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, युद्ध, शिक्षा, तकनीक, चिकित्सा, सत्ता, कला, परिवहन, स्वच्छता, उदारता, मानवाधिकार, नारी उत्थान, सब कुछ संलग्न है।

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