भारतीय नौसेना को अपना दूसरा एयरक्राफ्ट मिल गया ।आई एन एस विक्रांत केवल आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को ही सशक्त नहीं करता बल्कि अपनी विशालता के साथ यह सागर में देश के स्वाभिमान का प्रतीक भी है इसकी विशेषताएं और शक्ति लोगों की जानकारी में अभी नहीं है लेकिन आने वाले समय में वह जान जाएंगे।
जहां तक इस के नामकरण का सवाल है तो भारत के पहले विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत के नाम पर ही रखा गया है भारत वर्ष 1957 में ट्रेन के हरक्यूलिस विमान वाहक पोत हासिल करने वाला पहला एशियाई देश बना था। युद्धपोत को भारत ने दिया है । गीता अध्याय 16 श्लोक में कुछ सेना नायकों को विक्रांत कहा गया है वी का मतलब विशिष्ट और प्रांत का मतलब आगे बढ़ने वाला, आई एन एस विराट का नाम भी बीता से नहीं लिया गया था विक्रांत का सूत्र वाक्य रिग वेद से लिया गया है जिसका अर्थ है, कि मैं अपने खिलाफ युद्ध करने वालों पर विजय प्राप्त करता हूं।
आई एस विक्रांत की विशेषताओं की बात करें तो 1000 और सफल लगे हैं जो किसी ऑपरेशन से कम नहीं है यही से तय किया जाता है कि एयरक्राफ्ट करना है इस हथियार का प्रयोग किया जाएगा और कैसे ऑपरेशन चलेगा उसकी दूसरी सबसे बड़ी खासियत है जानकारी के मुताबिक फार्मूला 1 कारों के बराबर निकलती है।
आई एन एस विक्रांत स्वदेशी विक्रांत के साथ हमें हर मेजेस्टी सिप्रियानी एच एम एस नाम से भी मुक्ति मिल गई जो ब्रिटेन की महारानी का नाम का संकेत था भारत के पुराने आई एन एस विक्रांत का असली नाम एच एम एस हरक्यूलिस था ।आई एन एस विराट का नाम एक्सएमएमस्टर पहले इन्हें एच एम एस के स्थान पर आई एन एस नाम दे दिया जाता था लेकिन अब नए विक्रांत के साथ हम असल आईएस बनाने में सक्षम हो गए। इसलिए गुलामी से बाहर निकाल आए।
देश में विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने के बाद अब माना जा रहा है कि भारत तीसरा एयरक्राफ्ट करियर बनाने की तरफ तेजी से कदम बढ़ाएगा विक्रांत की खासियत और भी है 16 बेड वाला अस्पताल और ऑपरेशन थिएटर है। 1 दशक से अधिक समय में बने इस युद्धपोत में मौजूद लव सेनाओं के लिए 16 बेड का आधुनिक सुविधा वाला अस्पताल अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर के साथ-साथ एआईसीटीई है और जो सबसे खास बात यह है कि आई एन एस विक्रांत किए जा सकते हैं और इसके संचालन के लिए रहेंगे ।इतनी बड़ी संख्या में कर्मियों के लिए एक अत्याधुनिक रसोई भी है जिसमें मशीन से प्रति घंटे पूर्ति की जा सकेगी।