एक रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली आई है साइबर अपराध पर। हिन्दुस्तान में पिछले वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2014 तक साइबर अपराध मामलों में 19 गुना बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े के मुताबिक, साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में 9 गुना बढ़ोतरी हुई। साल 2005 में जहां 569 साइबर अपराधी पकड़े गए थे, वहीं 2014 में इनकी संख्या 5,752 हो गई। हम जानते हैं कि इंटरनेट हमारी ज़रूरत के लिए कितना अहम है, लेकिन हमें खुद भी इस आंकड़े को देखकर चौकन्ना होना होगा, क्योंकि भारत में इंटरनेट प्रयोक्ताओं का आंकड़ा बढ़कर 40 करोड़ हो गया, जिसके जून 2016 तक 46.2 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। 2014 में कुल 9,622 साइबर मामले दर्ज किए गए जो कि साल 2013 से 69 फीसदी अधिक है। भारत में साइबर अपराधों में मुख्यत: अश्लीलता, धोखाधड़ी और यौन शोषण शामिल है। आखिर इसमें बढ़ोतरी क्यों हो रही है और ऐसी वारदातें हो रही हैं तो हमारी युवा पीढ़ी को इससे सीख लेनी चाहिए और सचेत होना चाहिए। रिपोर्ट बताती है कि IT Act के तहत अश्लीलता के कुल 758 मामले दर्ज किए गए, वहीं, धोखाधड़ी के 1,115 मामले दर्ज किए गए। 2014 में वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े कुल 1,736 साइबर मामले दर्ज किए गए। महाराष्ट्र में सबसे अधिक साइबर मामले साल 2014 में 1,879 दर्ज किए गए, जबकि इससे पिछले साल कुल 907 मामले दर्ज किए गए थे। उसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है जहां 1,737 मामले दर्ज हुए। इनके बाद कर्नाटक (1,020), तेलंगाना (703) और राजस्थान (697) का नंबर है। देश में साइबर अपराध के मामलों में कुल 5,752 लोगों की गिरफ्तारी की गई जिनमें से 8 विदेशी थे। हालांकि इनमें से 95 फीसदी आरोपियों पर आरोप साबित हुआ, जबकि 276 आरोपी बरी हो गए।
वेबसाइट का यूसेज पर भी हमें गंभीर रहना होगा, क्योंकि अकेले वर्ष 2016 के पहले तीन महीनों में 8,000 से ज्यादा वेबसाइटों को हैक किया गया तथा 13,851 स्पैम उल्लंघन की जानकारी मिली। राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में दी गई जानकारी के मुताबिक एटीएम, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग संबंधित धोखाधड़ी के 2014-15 में 13,083 मामले और 2015-16 (दिसंबर तक) में 11,997 मामले दर्ज किए गए। पिछले तीन वित्त वर्ष, 2012-13 से 2014-15 तक एटीएम, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग से कुल 226 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। दिल्ली उच्च न्यायालय की एक समिति की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2013 मेंकुल 24,630 करोड़ रुपये के साइबर अपराध दर्ज किए गए। जबकि विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में कुल 25,12,500 करोड़ रुपये के साइबर अपराध के मामले सामने आए।
मैं बस इतना अपील करना चाहता हूं अपनी पीढ़ी से कि आप चौकन्ना रहें, सावधान रहे, क्योंकि हर काम सरकार नहीं कर सकती। मानवीयता और खुद जागरूक होने की जहां बात आती है, वहां हमें खुद आगे आना ही होगा। खासकर साइबर अपराध को कम करने में सरकार का सरहयोग तो हर हाल में होना चाहिए।