कलकत्ता का मटिया ब्रिज और बड़ा बाजार रेडीमेड कपड़ो में एशिया का सबसे बड़ा मार्केट है खासकर गर्ल्स वियर के कपड़ो में टॉप पर है….हालांकि बॉम्बे, दिल्ली,अहमदाबाद,इंदौर,जबलपुर और कटनी में भी रेडीमेड कपड़ो की मंडी है लेकिन कलकत्ता इनसे आगे है……आपको शायद यकीन नही होगा इतनी बड़ी मंडी होने के बावजूद यहां से सरकार को बड़ी मुश्किल से सिर्फ 10 प्रतिशत माल का ही टैक्स जाता था बाकी का 90प्रतिशत माल का टैक्स व्यापारी और सत्ताधारी मिलकर डकार जाते थे।.मटिया ब्रिज मंडी में लगभग मुसलमानों का कब्जा है मालिक से लेकर कारीगर तक सब मुसलमान हंै इसलिए यहां के व्यापारियों का इनकमटैक्स विभाग में इतना खौफ है कि कोई इनकम टैक्स का अधिकारी यहां रेड मारने से पहले 100 बार सोचता था क्योंकि जो रेड मारने जाता वापस नही आता था।..धडल्ले से टैक्स चोरी होती थी यहां क्योंकि यहां के व्यापारियों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार का सरंक्षण प्राप्त था .अरबो रुपयों की टैक्स चोरी सरकार के नाक के नीचे होती रही लेकिन केंद्र की कांग्रेस सरकार सिर्फ सत्ता के लालच में मोमता बानो का साथ देती रही.।.
2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार बनी वो सरकार जिसे भ्रष्टाचार मिटाने के लिए ही बहुमत मिला था….सत्ता में आते ही सरकार का पहला लक्ष्य था भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना…..क्योंकि भ्रष्टाचार पूरी तरह से तभी खत्म होगा जब इस देश का हर व्यक्ति ईमानदार बनेगा लेकिन लगाम तो लगाई जा सकती थी…..सरकार बनते ही गज्जू की रडार में इस देश के जितने मैन्युफैक्चरिंग हब हैं जहां से कोई भी चीज बनती है वो सब आ गए…..क्योंकि जब तक जड़ में खाद डलेगा तब तक पौधा कभी नही बढ़ सकता……जिस देश की टैक्स प्रणाली में ही अंदर तक भ्रष्टाचार था वो देश कभी आगे नही बढ़ सकता….सत्ता में आते ही सरकार की पहली कोशिश हेज लागू कर टैक्स प्रणाली में सुधार लाना….. लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से 3 साल तक यह बिल लटका रहा….बाद में हेज पास होते ही मोदी ने सभी राज्यो को हेज के अंतर्गत आने का अल्टीमेटम दिया……भाजपा शासित राज्य तो तुरंत मांन गए लेकिन ममता बनर्जी अड़ी रही क्योंकि इसमें सीधे टैक्स केंद्र सरकार को जाना था उसके बाद राज्यसरकार को मिलना था अब मलाई हाथ से निकल रही थी तो थोड़ी छटपटाहट तो थी पहले नोटबन्दी की चोट उसके बाद ये हेज जले के ऊपर नमक छिड़क दिया……मरती क्या न करती अंत मे हेज में शामिल होना ही पड़ा क्योंकि इसके अलावा कोई चारा भी नही था..हेज में कानून इतने तगड़े है कि अच्छे अच्छे अरबपति व्यापारी भी सकते में आ गये …..असल मे ये कानून इन्ही बड़े डकैतों को देखते हुए बनाए गए थे इससे छोटे व्यापारियों को कोई हानि नही थी ये तो इन्ही डकैतों ने एक हौव्वा बना दिया था और छोटे व्यापारियों में एक भय का माहौल पैदा कर दिया था……
आज की तारीख में इन बड़ी मंडियों से जितना टैक्स हेज के पहले एक साल में आता था आज उससे ज्यादा एक महीने में आ रहा है…..ये जो आप चमचमाती सड़के देख रहे है….गरीबो को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिए जा रहे है….गरीबो को मुफ्त में घर दिए जा रहे है….देश की सीमाएं मजबूत की गई है….सेना की ताकत बढ़ाने के लिए आधुनिक हथियार खरीदे जा रहे है……जनहितकारी जितनी भी योजनाए लागू की गई है ये इसी का नतीजा है…..आपके द्वारा दिया गया टैक्स पहले ये डकार जाते थे आज आपके वो पैसे सरकार इनके हलक में हाथ ड़ालकर इनसे वापस ले रही है और आप पर खर्च कर रही है…..यही एक मात्र वजह है कि एक प्रधानमंत्री के खिलाफ पूरा विपक्ष एक हो चुका है क्योंकि इनकी पैसे छापने की मशीन पर सरकार ने ताला लगा दिया है……अब ये आपको तय करना है कि आप किसके साथ जाना चाहते है 2019 दूर नही है …..!!!!