इस्लाम में तीन तलाक को बहुत ही खराब माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक कानून बनाकर के मुस्लिम महिलाओं को एक नई दिशा दी और उस समस्याओं से बचाया जिसे वह आए दिन भुगत रही थी। इस्लामिक राष्ट्र ने इसकी तारीफ की है और कहा है कि भारत में इस तरह के कानून की बहुत जरूरत थी जिससे मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में पहल हो सके।इसकी बहुत जरूरत थी।
तलाक को लेकर के मुस्लिम महिलाओं में बहुत ही दुविधा की स्थिति थी।लोग ना तो मेहर की रकम देते थे और ना ही गुजारा भत्ता देने के लिए तैयार थे। उनका सीधा निशाना था कि कई शादियां करेंगे और कई बच्चे पैदा करेंगे ।वह बच्चे पैदा करने के बाद उन्हें मुस्लिम महिलाओं पर थोप देते थे। नतीजा यह होता था कि वह बमुश्किल अपना जीवन यापन कर पाती थी और परवरिश ठीक से ना होने के कारण उनके बच्चे अपराध की ओर जाने लगे थे या फिर उनके परिवार वाले उन्हें मदरसे में डालते थे जहां वह आंतकवाद की परिभाषा सीखते थे और जिहादी बनकर निकलते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर फोकस किया और एक ऐसी व्यवस्था के विरुद्ध आवाज उठाई जो कि इस सभी चीजों की जनक थी । अब देश बदल रहा है मुस्लिम बदल रहे हैं और एक नए मुस्लिम समाज का जन्म भारत में हो रहा है। जिसे लोग अब नफरत की दृष्टि से नहीं बल्कि प्यार की तरह अपनाने को तैयार है।
मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है और यह कहा है बहुत दिनों बाद कोई ऐसा नेता आया है जिसने उनके बारे में सोचा है मुस्लिम पर्सनल ला में उनके लिए कुछ नहीं है। वहां भी बदलाव की जरूरत है उन्हें नमाज पढ़ने नहीं दिया जाता ,मस्जिदों में उनको अंदर जाने मिले, ऐसा कोई कानून आने की जरूरत है या तो फिर जिस तरह पुरुषों की मस्जिदें हैं ,उसी तरह महिलाओं की भी मस्जिदे होनी चाहिए ।जहां वह नमाज का हक अदा कर सकें प्रधानमंत्री के प्रति मुस्लिम महिलाओं में जो स्नेह है वह उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में देख चुका है देश में रह रहे सभी मुस्लिम महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कहती हैं एक नया जीवन उन्होंने हमें दिया है जो वाकई इस्लाम चाहता था कि मुस्लिम महिलाएं इस तरह से हो।
मुस्लिम नेताओं ने कहा कि इस्लाम में भी तीन तलाक को जगह नहीं दी गई है। प्रधानमंत्री के इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं का शोषण कम हुआ है। मुस्लिम संगठनों ने कहा कि पीएम मोदी ने अमृतकाल में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए सराहनीय काम किया है। नेताओं ने कहा कि अच्छे काम की हमेशा तारीफ की जानी चाहिए। पीएम मोदी के कार्यकाल में मुसलमानों के कल्याण पर काफी फोकस किया गया है। मुस्लिमों को डिजिटल बनाना आधुनिकता की ओर बढ़ाना और शिक्षा को महत्व देना जैसे कई और काम भी इस्लामिक जगत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में किया है जो क सराहनीय है अब तक की सरकारों ने इस पर फोकस नहीं किया था। जहां तक हुआ बोर्ड की बात है तो अनावश्यक रूप से उसमें कई प्रॉपर्टी है जोड़ी गई हैं जो गलत है वह बोर्ड को प्रॉपर् की जरूरत नहीं है। बल्कि देश के काम में आना चाहिए।
आल इंडिया माइनॉरिटी कांक्लेव में अहमदिया मुसलमानों ने कहा कि तीन तलाक पर मोदी सरकार ने जो फैसला लिया वह सराहनीय है। अहमदिया मुस्लिम समुदाय के विदेश मामलों के निदेशक अहसान गौरी ने कहा कि मोदी सरकार का तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम है। इस्लाम भी तीन तलाक को नहीं मानता। मुस्लिम संगठनों के अन्य नेता भी इस दौरान मौजूद रहे। सभी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के हित में मोदी सरकार बगैर भेदभाव के काम कर रही है। इससे पहले किसी भी सरकार ने ऐसा काम नहीं किया। इसलिए अच्छे कार्यों की हमेशा तारीफ होनी चाहिए। अहमदिया मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष तारिक अहमद ने कहा कि तीन तलाक पर कानून लाने के प्रधानमंत्री के फैसले की हम सराहना करते हैं। इससे मु्स्लिम महिलाओं की जिंदगी में अहम बदलाव आने लगा है। इस्लाम भी तीन तलाक को तवज्जो नहीं देता है।