भारत कैसा भी हो लेकिन गरीब नही रहा और आज भी गरीब नही है । गरीब है तो यहां की सियासी नीतियां , जिनमें हडपने की नीति का बसेरा है और जिन लोगों को बैठाया गया वह गुलाम ही रहे, उसकी दांस्ता से ऊपर उठकर काम नही कर पाये । कई विदेशियों ने हमला किया और लूट कर ले गये किन्तु किसी ने स्थायी होकर यहाँ शासन नही किया । सिर्फ आक्रांता मुसलमान ही एक ऐसे रहे जिसने शासन किया और दोनों हाथों से लूटा , ताजो तख्त लूटा , बेशकीमती रत्न लूटे , बहू बेटियों की इज्जत लूटी और सबसे बड़ी लूट वह, यह कि अपना अंश जबरदस्ती भारतीय महिलाओं की कोख में डाल गये जो अब इस देश को लूट रहें है और वह सजा पा रहें है जिन्होंनेे कभी नही सोचा था कि इसकी परिणति इस तरह से होगी और अब जमीर लूट रहा है कौन सत्ता की लूट में किस हद तक गिर जायेगा कोई नही जानता और किसके लूट के सितारे चमकेंगे कोई नही जानता ।
हम अपनी सियासत को देखें तो कई चीजें खुलकर सामने आयेंगी , जैसे हमारी दरिया दिली , जिस व्यवस्था को लेकर हम सालों साल गुलाम रहे वही काम आज तक करते चले आ रहें है देश की राजधानी दिल्ली पर शरणार्थियों का कब्जा है और सियासत ने उन्हें पहले टिकने दिया और अब उन्हें वह सारी सुविधायें मिल रही है जो कि एक भारतीय को नसीब नही होती । कैसी व्यवस्था है कि हर साल बाग्लादेश हजारों मछुआरों को छोडता है और वह भारत में वापस आ जाते है । पूरा पूर्वोत्तर भारत देश के इस सियासी नाटक से परेशान है वहां के लोग छोडकर भाग रहें है क्योंकि वहां कतिपय बाग्लादेशी मुसलमानों का कब्जा होता जा रहा है।वह वहां वही काम कर रहें है जो कई सौ सालों पहले मुगलों ने किया था।
अब बात पश्चिमी बंगाल की तो, महामहीम जानते है कि यह सारे काम मुर्शिदाबाद में होता है लेकिन बंगाली लड़कियों के मुसलमान बनाये जाने पर वह हमेशा से मौन रहें है।देश में सबसे ज्यादा लडकियों की खरीद फरोख्त जहां होती है वह पश्चिम बंगाल की सोना गाछी है और यहाँ ऐसी ही लड़कियां ज्यादा है जिन्हें जबरन पूर्वोतर राज्यों से या बंगाल से अगवाकर इस पेशे में ढकेल दिया जाता है या विवाह कर उन्हें अपने ससुराल ले जाने की बात करते है और रास्ते में बेच देते है । रिपोर्ट बनती है कलमें चलती है और पांच सितारा होटल में इनके लिये योजना बनाने के नाम पर मौज मस्ती होती है और फिर वही ढाक के तीन पात । दस साल प्रधानमंत्री रहने वाले मनमोहन सिंह भी इसी क्षेत्र से राज्य सभा चुने जाते है लेकिन चोर दरवाजे से आने वाले प्रधानमंत्री यह बात नही जानते ऐसा नही हो सकता ।
इस मामले पर यह तब बोलते जब इसके अपने को अगवा किया जाता या जबरन मुसलमान बनाया जाता। हैरत की बात है कि देश के पूर्व गृहमंत्री की बेटी को आतंकी उठा ले जाते है और आतंकी छोड दिये जाते है ऐसी ही है यहां की सियासत , न कोई जांच, न कोई नतीजा बस सब ठीक हो गया। यही वह सियासत है जिसके चलते देश इतने सालों से गुलाम रहा । अगर मानसिंह ने अपनी बहन जोधा का विवाह अकबर से न किया होता तो क्या उनका राजपाठ बचता , ऐसा नही है जब यह पहली बार हुआ हो राजपाठ के लिये कई बार कतिपय सूर्यवशियों ने इस तरह की नजीर पेश की है और आज भी कर रहें है।
सबसे प्रतापी सूर्यवशियों में मराठों का नाम था उसमें भी एक गद्दार था जिसने अंग्रेजों से मिलकर रानी झांसी लक्ष्मीबाई को मरवाया । अगर मानसिंह ने मेवाड के राजा महाराणा प्रताप के खिलाफ जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर का साथ न दिया होता तो उन्हें जंगलों की खाक क्यो खानी पडती । जयचन्द्र ने पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ मोहम्मद गोरी का साथ न दिया होता तो वह उन्हें बंदी बना सकता था, शायद नही । पूरा इतिहास है जो इन सूर्यवशियों की लालच से भरा पडा है और मुसलमान है कि वह अपनी संस्कृति को भूल नही पा रहें है। आज भी लूट की परम्परा को कायम रखे हुए है। सबसे खराब वह मुसलमान है जो इन आतताइयों के प्रभाव से अनिच्छा से जन्में और जिनकी मातायें जबरन उस दौर में मुसलमान बना दी गयी । उनके परिवार ने साथ नही दिया , जिसके चलते वह मुसलमानों के मौजमस्ती का सामान बनकर रह गयी। बाद में जो मुसलमान बने वह हिन्दू थे और गरीब व अछूत का दर्जा इन्हें दिया गया था।जिसके कारण यह इस तरह के मुसलमानों के साथ बैठकर रहने लगे। उन्होंने गले लगाया और अपनापन जताया तो उनके होकर रह गये । यह न तो पूरी तरह से मुसलमान हो पाये और न पूरी तरह से हिन्दू ही रहे। यही सियासत है, पाकिस्तान से जो मुसलमान आये उनके लिये नेहरू ने बहुत कुछ किया लेकिन भारत में जो मुसलमान बने उनके लिये कुछ नही किया।
आज भारत का मुसलमान अपने वजूद के लिये मुद्दों को जीवित रखना चाहता है और कभी समाजवाद की बात करता है तो कभी बहुजन के साथ खड़ा होता है लेकिन भारत की जनता के साथ नही खड़ा होता । वहीं कश्मीर का मुसलमान इस सभी मामलों से अपने को दूर रखता है क्योंकि उसे लगता है पाकिस्तान से आने के कारण वही असली मुसलमान है और बाकी सब नकली लेकिन वह यह भूल जाता है कि पाकिस्तान कोई अरब से नही भारत से ही अलग हुआ राज्य है जो कि अब देश बन गया है ।आखिर क्या है सियासत ,इसकी इतनी जरूरत क्यूँ है । किस लिये बनी और क्यों बनायी गयी जिसके लिये हर कोई परेशान है सबसे बडे गैंगेस्टर के रूप में काबिज यह सियासी लोग देश को कोई एक अच्छे रास्ते पर चला पाये ।
आजादी के बाद से देश में गैंगेस्टर के रूप् में काबिज यह सियासी दल इस देश के लिये कुछ कर पाये यह बाते अब गौण सी हो गयी है । भारतीय संविधान में दर्ज होने व कराने के बहाने इन्होंने आज तक देश को अपने पास गिरवी रख छोडा है। जिसे पीढी दर पीढी लूटा जा सके । अब तो इनकी हिमाकत इतनी बढ गयी है कि भारतीयों के मूल अधिकार जो संविधान में मिले थे उसे भी यह माई लार्ड कहवाते हैं अपने लिये , अपने परिवार तक के लिये सीमित करना चाहते है। इनकी हरकतों के चलते आवाम ने आज मार्ड लार्ड को मेरा……? कहना शुरू कर दिया है और क्यों न कहें हर उस चीज पर पाबंदी है जिससे सियासत बाजों का नुकसान होता है ।