पठानकोट हमला केस में पाकिस्तान का एक और चेहरा सामने आया है। हमले की जांच कर रही पाकिस्तानी संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) ने दावा किया है कि भारतीय अधिकारी उन्हें साक्ष्य मुहैया कराने में ‘असफल’ रहे हैं, जो यह साबित कर सके कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादियों ने वायुसेना बेस पर हमला किया था, लेकिन हकीकत ये है कि हमले से संबंधित साक्ष्य उनके साथ साझा किए गए, जिनमें चार आतंकवादियों के डीएनए रिपोर्ट, उनकी पहचान, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों की संलिप्तता साबित करने वाले फोन कॉल रेकार्ड शामिल हैं। पाकिस्तान का ये बड़ा झूठ उनके देश में दिखाने के लिए हो सकता है, लेकिन ऐसे कृत्यों से दुनिया की नज़रों में पाकिस्तान अपनी विश्वसनीयता खो रहा है। भारत से पर्याप्त सबूत न मिलने की बात के साथ ही पाकिस्तान ने जेआईटी सदस्यों के 29 मार्च को पठानकोट वायुसेना बेस के दौरे के साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिकारियों द्वारा दी गई तमाम सूचनाओं को भी झूठ के बस्ते में समेत लिया है।
सार्थक विश्लेषण