सरकार वन नेशन-वन इलेक्शन को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करने वाले दो विधेयकों समेत तीन विधेयकों को लाने की तैयारी में है।प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयकों में से एक स्थानीय निकायों के चुनावों को लोकसभा और विधानसभाओं के साथ संरेखित करने से संबंधित है। जिसके लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों की सहमति की जरूरत होगी। सूत्रों की ओर से कहा गया है कि, प्रस्तावित पहला संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने को लेकर होगा।
प्रस्तावित दूसरे संविधान संशोधन विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं के समर्थन की आवश्यकता होगी क्योंकि यह राज्य मामलों से संबंधित है। इस विधेयक के जरिए स्थानीय निकायों के चुनावों को लेकर मतदाता सूची तैयार की जाएगी। जिसके लिए चुनाव आयोग (ईसी) को राज्य चुनाव आयोगों (एसईसी) के साथ परामर्श करना होगा। जिसके बाद ईसी इन चुनावों को लेकर मतदाता सूची तैयार करेगा।
संवैधानिक रूप से चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग अलग-अलग निकाय हैं। चुनाव आयोग राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं और राज्य विधान परिषदों के लिए चुनाव कराता है, जबकि एसईसी को नगर पालिकाओं और पंचायतों जैसे स्थानीय निकायों के लिए चुनाव कराने का अधिकार है। प्रस्तावित दूसरा संविधान संशोधन विधेयक में एक नया अनुच्छेद 324ए जोड़कर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के साथ-साथ नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान किया जाएगा।
तीसरा विधेयक एक साधारण विधेयक होगा। जो विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों जैसे- पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से संबंधित होगा। जो तीन कानूनों के प्रावधानों में संशोधन करेगा। ताकि इन सदनों की शर्तों को अन्य विधानसभाओं और लोकसभा के साथ संरेखित किया जा सकेगा। जिसे पहले संविधान संशोधन विधेयक में प्रस्तावित किया गया है।
इसमें जिन कानूनों में संशोधन करने का प्रस्ताव है, वे हैं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम-1991, केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम-1963 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019। प्रस्तावित विधेयक एक साधारण कानून होगा, जिसके लिए संविधान में बदलाव की आवश्यकता नहीं होगी और राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की भी आवश्यकता नहीं होगी।उच्च स्तरीय समिति ने तीन अनुच्छेदों में संशोधन करने, मौजूदा अनुच्छेदों में 12 नए उप-खंडों को शामिल करने और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित तीन कानूनों में फेरबदल करने का प्रस्ताव दिया था। ‘एक देश एक चुनाव’ के लिए संविधान में संशोधनों और नए सम्मिलनों की कुल संख्या 18 है।