सरकार ने अधिकारियों को देश और दुनिया भर से आने वाले आगंतुकों और श्रद्धालुओं की जरूरतों और आराम का ख्याल रखते हुए महाकुंभ को भव्य और यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने का निर्देश देते हुए कहा कि इसके सौंदर्यीकरण के अलावा प्रयागराज में मंदिरों, नागरिक सुविधाओं में भी सुधार किया जाना चाहिए । भारद्वाज आश्रम, द्वादश माधव मंदिर, नागवासुकी मंदिर, दशाश्वमेध मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, अलोपी सांकरी मंदिर, पड़िला महादेव मंदिर, कोटेश्वर महादेव, कल्याणी देवी, डिजिटल कुंभ संग्रहालय, तक्षक तीर्थ, करछना सहित विभिन्न मंदिरों और स्थलों के सौंदर्यीकरण पर अधिकारी काम कर रहे हैं।
अधिकारियों को प्रयागराज में एक अस्थायी टेंट कॉलोनी स्थापित करके महाकुंभ का प्रचार करने और यात्रा और टूर ऑपरेटरों को एक सम्मेलन में आमंत्रित करने और उन्हें आयोजन और तैयारियों से अवगत कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में यात्रा साहित्य मुद्रित किया जाएगा, जबकि अस्थायी बस स्टेशन पर एक पर्यटक सूचना केंद्र स्थापित किया जाएगा और रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
पूरी दुनिया की निगाह शाही स्नान करते हुए देखने की होती है। इस बार किसी तरह से कमी नहीं हो,इसकी तैयारी कर ली गई है।मीडिया को भी सचेत कर दिया गया है कि किसी तरह की कमी होने पर तत्काल बताएं। महाकुम्भ मेला को सफल बनाने में सरकार की मदद करे।
सरकार ने अस्थायी थीमैटिक गेट्स का निर्माण भी शुरू कर दिया है, जहां प्रोजेक्शन मैपिंग, लेजर शो, हॉट एयर बैलून-शो, ड्रोन-शो, एरो स्पोर्ट्स, हेलीकॉप्टर जॉय राइड सहित साहसिक पर्यटन के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। पैराग्लाइडिंग और पैरामोटरिंग की भी व्यवस्था की जा रही है। गाइड, ऑटो-रिक्शा चालक और नाविक सहित पर्यटन सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित किया गया है। सभी राज्यों की संस्कृति को दर्शाते हुए मंडप स्थापित किए जाने के लिए कहा गया है।
कुछ ही दिन महाकुंभ शुरू होने के रह गए हैं और लगभग सारी तैयारी कर ली गई है। आशा की गई है कि यह महाकुंभ विश्व रिकॉर्ड बनाएगा। पूरे विश्व से पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। बाबो को जगह अलॉट हो गई और उन्होंने अपने खूबसूरत भारत की संस्कृति से मिलते जुलते पंडाल लगा रखें हैं।