सुब्रमण्यम स्वामी ने 2019 में गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि बैक ऑप्स लिमिटेड नाम की एक यूनाइटेड किंगडम की कंपनी में राहुल गांधी निदेशक और सचिव थे।उस कंपनी की ओर से 2005 और 2006 में दाखिल वार्षिक रिटर्न में गांधी ने अपनी राष्ट्रीयता ब्रिटिश बताई थी।सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर गृह मंत्रालय ने अप्रैल 2019 में राहुल के खिलाफ एक नोटिस जारी किया था। राहुल को ब्रिटिश नागरिक होने के आरोपों पर 15 दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया था।
सुब्रमण्यम का कहना है कि 5 साल बीत जाने के बाद भी गृह मंत्रालय की ओर से अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि इस पर क्या निर्णय लिया गया है. याचिका में सुब्रमण्यम का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 9 और भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द हो जानी चाहिए।संविधान के अनुच्छेद 9 में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति ने किसी दूसरे देश की नागरिकता अपनी इच्छा से ले ली है तो वह अनुच्छेद 5 के आधार पर भारत का नागरिक नहीं होगा।उसे अनुच्छेद 6 या अनुच्छेद 8 के आधार पर भारत का नागरिक नहीं समझा जाएगा।अनुच्छेद 5 के अनुसार, भारत में जन्मा या जिसके माता-पिता में से कोई भारतीय है, वो शख्स भारतीय नागरिक होगा।
यदि भारत का कोई नागरिक अपनी इच्छा से किसी दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, तो वह भारत का नागरिक नहीं रहेगा। सिटिजनशिप एक्ट के सेक्शन 9 के तहत उसकी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी। यदि कोई सवाल उठता है कि क्या, कब या कैसे किसी व्यक्ति ने दूसरे देश की नागरिकता हासिल की है, तो इसका फैसला नियमों द्वारा निर्धारित उचित अथॉरिटी करेगी।किसी भारतीय की नागरिकता को रद्द करने की पावर केंद्र सरकार के पास भी होती है।अगर कोई नेचुर लाइजेशन, रजिस्ट्रेशन, डोमिसाइल और निवास से भारत का नागरिक बना है, तो केंद्र सरकार आदेश पारित करके उसकी नागरिकता खत्म कर सकता है ।
यदि नागरिक ने भारत के संविधान के प्रति निष्ठा नहीं दिखाई।नागरिक ने धोखाधड़ी, गलत प्रतिनिधित्व या किसी भौतिक तथ्य को छिपाकर नागरिकता प्राप्त की है।युद्ध के दौरान नागरिक ने दुश्मन के साथ गैरकानूनी तरीके से व्यापार या संचार किया है।नागरिक, पंजीकरण होने के पांच साल के भीतर, किसी भी देश में दो साल के लिए कैद हो।नागरिक सामान्यतः लगातार सात सालों से भारत से बाहर रह रहा हो।फिलहाल राहुल गांधी के ऊपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और वह नेता विपक्ष है। इस मामले पर जल्द से जल्द कोई निर्णय होना चाहिए।