अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के उद्घाटन के दौरान काशी की शीर्ष 50 हस्तियां मौजूद रहेंगी। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के गणमान्य लोगों को निमंत्रण भेजा गया है.इन हस्तियों में बनारस के प्रमुख संत, साहित्य-कला, संगीत-संस्कृति और उद्योग जगत से जुड़े लोगों के नाम शामिल हैं। श्रीकाशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री गोविंद शर्मा को निमंत्रण पत्र बांटने का जिम्मा सौंपा गया है। निमंत्रण पत्र में सभी से उपस्थित होकर प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनने का अनुरोध किया गया है। गोविंद शर्मा ने बताया कि अयोध्या में यह कार्यक्रम तीन घंटे तक चलेगा. पूरे देश से लगभग सात हजार गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है। इसमें भारत की हर परंपरा से जुड़े चार हजार संत होंगे. उनके रहने और खाने की व्यवस्था टेंट सिटी में की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बनारस के जूना अखाड़े, महानिर्वाणी, अदासानी, निर्मल, बैरागी अखाड़े के अलावा पद्म पुरस्कार प्राप्त विद्वानों को आमंत्रित किया गया है. इनमें अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जीतेंद्र नंद सरस्वती, महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा, पातालपुरी के महामंडलेश्वर महंत बालक दास, अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी, राम कमल दास वेदांती, रविदास मंदिर के महंत भारत भूषण, गोविंद दास शामिल हैं। कबीर मठ श्रीकाशी के शास्त्री, विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र, पद्मश्री राजेश्वर आचार्य, स्वामी शिवानंद, पद्मश्री ऋत्विक सान्याल, बीएचयू के प्रो. रामनारायण द्विवेदी आदि मौजूद रहेंगे।निमंत्रण में विशेष लोगों से 20 जनवरी को संत के पास पहुंचने का अनुरोध किया गया है. सभी मेहमानों के पास आधार कार्ड होना चाहिए. सभी को सुबह 11 बजे से पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना होगा. प्रति आमंत्रण केवल एक व्यक्ति ही उपस्थित हो सकता है।
फिलहाल यह कार्यक्रम भी विवादों से बच नहीं पाएगा हर की नगरी हरिद्वार की पूरी तरह से mपेक्षा की गई है।ऋषिकेश के आगे किसी भी मठ को आमंत्रित नहीं किया गया है ,इसी तरह दक्षिण भारत में कुछ राज्यों को प्राथमिकता नहीं दी गई है लेकिन विश्वास है और यह आशा है कि यह कार्यक्रम ग्रीनीश बुक ऑफ द रिकॉर्ड में अपना नाम जरूर दर्ज होगी। जो अपील की गई है कि लोग जहां हैं वहीं मंदिरों में दिया जलाएं घंटे बजे और उद्घाटन को सफल बनाएं।इससे कुछ होने वाला नहीं है। पूरा देश राम को मानता है और वह अयोध्या में अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज करा कराएगा इसके लिए प्रशासन को पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए।