सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) का शुभारंभ 11 अक्तूबर 2014 को हुआ। इसका सीधा उद्देश्य है- एक आदर्श भारतीय गांव के बारे में महात्मा गांधी की व्यापक कल्पना को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ध्यान में रखते हुए एक यथार्थ रूप देना। इस योजना के अंतर्गत, प्रत्येक सांसद एक ग्राम पंचायत को गोद लेता है और सामाजिक विकास को महत्व देते हुए इसकी समग्र प्रगति की राह दिखाता है जो इंफ्रास्ट्रक्चर के बराबर हो। जाहिर है, ये एक ऐसी योजना है जिसके पूर्ण रूप से क्रियान्वित होने के बाद से हमारा देश खुद दुनिया के सामने एक अनोखा मॉडल तैयार होगा। आज के ही दौर में दुनिया में हिन्दुस्तान का उदाहरण दिया जाने लगा है लेकिन हमारी सरकार को मिल रहे अपार जनसहयोग से वो दिन अब दूर नहीं जब विश्व के दूसरे देश उदाहरण देकर कहेंगे कि हमारे गांव भी हिन्दुस्तान के गांव की तरह हो।
जो विपक्ष के लोग ‘अच्छे दिन’ का नाम लेकर तंज कसते हैं, भ्रांतियां फैलाते हैं, उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि उदाहरण तो बहुत हैं, एक उदाहरण यहां से भी लीजिए कि आज के दौर में जिला स्तर पर, सांसद की अध्यक्षता में प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं। प्रतिभागी विभागों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रत्येक प्रोजेक्ट की समीक्षा की जाती है और प्रगति राज्य सरकार को सूचित की जाती है। यह उम्मीद की जाती है कि प्रत्येक सांसद वर्ष 2016 तक एक माडल ग्राम पंचायत के विकास का अग्रणी होगा, इसके बाद वर्ष 2019 तक दो का और वर्ष 2024 तक और पांच का। समूचे देश में अब तक 696 ग्राम पंचायतों को सांसदों द्वारा गोद लिया गया है।