देश में बहुत सी सरकारें आयी लेकिन स्वच्छता का वह अर्थ नहीं समझा सकी मोदी जी जी की स्वच्छता अभियान को लेकर भी उसी तरह की भ्रान्तियां फैलाने का काम किया जा रहा है, जैसा कि महात्मा गांधी जी के समय में टाइलेट खुद के द्वारा साफ किये जाने को लेकर किया जा रहा था। वास्तव में आज जिस स्वच्छता की बात की जा रही है वह सड़कों व गलियों की सफाई को लेकर ही सीमित नहीं है। उनके अनेक पंख है जिसे हमें समझना होगा तभी यह अभियान देश को नयी उडान की ओर ले जा सकेगा। यह बात भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री संजय विनायक जोशी जी ने प्रवक्ता डाट काम के सह संपादक से एक मुलाकात के दौरान विचार विमर्श करते हुए कही।
उन्होने कहा कि लोग सोचते है कि प्रधानमंत्री जी क्या कर रहे हैं ? सभी को झाडू पकडा रहें है! यह सही नहीं है। लोगों को दिग्भ्रमित किया जा रहा है और बहकाने का प्रयास किया जा रहा है। स्वच्छता का मतलब राजनीति नहीं है, अब इस बात को समझ लेना चाहिये। उसका अर्थ सही मायनों में है कि मन को साफ करना है ताकि सुविचार आये, तन को साफ करना है ताकि निरोगी काया मिले, सडक, गली, आंगन व घर को साफ रखना है ताकि कूडा घर को अपसंस्कृत न कर दे। यह सारी चीजें आपके वंश को प्रभावित करती है जिसके लिये स्वच्छता अभियान से जुडना आवश्यक है। इसे तोडने मरोडने से कुछ नहीं होगा। लोगों को लगने लगा है कि हमें अब स्वच्छ मन से भारत को आगे ले जाना है, जिसे कोई भी विचारधारा रोक नहीं सकती ।
उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार के बारे में और भी कई तरह के भ्रम फैलाये जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा विदेश की यात्रायें की जा रही हैं और काम कुछ नहीं हो रहा है। यहां यह बताना आवश्यक है कि भारतीय संस्कृति के दूत के रूप में जो काम आज मोदी जी जी ने किया है वह किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया। प्रथम यात्रा के दौरान नवरात्र में किसी दमदार राष्ट्र का आमंत्रण स्वीकार कर पानी पीकर चले आना, सिर्फ मोदी जी के वश में था। अरब यात्रा के दौरान मौलाना को केले के पत्ते में खाना खिलाना मोदी जी के वश में था और जापान के प्रधानमंत्री से गंगा की आरती कराना भी मोदी जी का प्रभाव था, और तो और ओबामा समेत कई कद्दावर देशों के राजनेता भी आज खिचडी समेत समस्त भारतीय ब्यजनों के बारे में जानते है, यह क्या किसी से कम है । आज पूरा विश्व उनके भारतीयता की शपथ ले रहा है तो कुछ लोग उनके नाम को बदनाम करने मे लगे हैं। इस विचार धारा के बारे में जो प्रचार किया जा रहा है उसे रोकना होगा।
संजय जोशी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहाकि परिवर्तन तो शाश्वत नियम है , नर तो क्या नारायण भी अपना नियम बदलते देखे गये है, इसलिये अब भारत का भगवान समझने वाली कांग्रेस को भी अपने नियम बदल लेने चाहिये । उसे समझ लेना चाहिये कि यह अंग्रेजों का नहीं भारतीयों का देश है । कुछ लोगों को लालच वश अपनी तरफ मिला लेने व वंशवाद को बढावा देकर, दूसरों के हक को अपनी झोली में डालने वाली कहावत अब नहीं चलेगी, जो लोगों का हक है वह उसे देना ही होगा। केन्द्र सरकार जो कुछ भी कर रही है वह उन्ही लोगों के लिये कर रही है, जिनका कांग्रेस ने शोषण किया। उनको न्याय दिलाने का काम कर रही है। उन्होने आरोप लगाया कि जितना विकास देश की आजादी के बाद होना चाहिये था उतना नहीं हुआ। इसके लिये सिर्फ कांग्रेस जिम्मेदार है। उसे इस बात का भी आभास नहीं कि केन्द्र में जहां अब जनता ने उसे दूसरे नम्बर की पार्टी बनाया था वहीं बिहार में वह तीसरे नम्बर की पार्टी है।
उन्होने केन्द्र सरकार की बालिका स्कूलों में शौचालय की योजना को अब तक की सबसे अच्छी योजना बताया और कहा कि इससे उनका यौन उत्पीड़न कम होगा। साथ ही अपील भी की, कि केन्द्र सरकार इस तरह का कार्यक्रम भी बनाए कि हर गांव के घर में शौचालय हो और आश्वत करें कि उसे बनाने में दलाली नहीं होगी और यह कार्यक्रम केन्द्र सरकार की देखरेख में हो, न कि प्रदेश सरकार के.