मान लीजिये अगर किसी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से कोई शोभायात्रा निकालनी हो तो प्रशासन को क्या करना चाहिए? क्या पहले ही उस रास्ते मे पड़ने वाले प्रत्येक घर की तलाशी लेनी चाहिए या फिर उस क्षेत्र के मुसलमानों को एक दिन के लिए कहीं और भेज देना चाहिये? आखिर क्या उपाय है शांतिपूर्ण तरीके से शोभायात्रा निकालने का? संभावित दंगे या उपद्रव की कल्पना करके पुलिस एक दिन पहले से घर-घर की तलाशी लेना शुरू कर दे तो क्या संदेश जाएगा? सम्भवतः यही कि मुसलमानों को नाहक ही परेशान किया जा रहा है। इससे प्रशासन तो बदनाम ही होगा साथ ही उन लोगों की मंशा का खुलासा भी नहीं हो पायेगा जिन्होंने रोएँ-रोएँ में बहुसंख्यक समुदाय के लिए जहर भर रखा है।बावजूद इसके यह मानने में मुझे जरा भी संकोच नहीं है कि ऐसी घटनाएँ प्रशासनिक चूक हैं लेकिन यह भी सच है कि ऐसी शोभायात्राओं से आस्तीन के साँप भी बिलबिलाकर बाहर आ रहे हैं और उनकी मनोदशा, उनकी सोच उजागर हो रही है।
कहने वाले यह तो कह ही सकते हैं कि यह सब भाजपा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए करवा रही है लेकिन भाजपा मोमिनों के हाथ मे पत्थर तो नहीं थमा रही है ना।भाजपा उन्हें तलवारें तो नहीं पकड़ा रही है ना। भाजपा उनमे पेट्रोल बम तो नहीं बाँट रही है ना। आखिर क्या यह समुदाय इतना जाहिल है कि विरोधियों की चाल में बार-बार फँस जा रहा है? वे क्यों नहीं शोभायात्राओं को शांति से निकलने देकर भाजपा के मंसूबों पर पानी फेर दे रहे हैं?
मुस्लिम डोमिनेटेड एरिया को बार-बार संवेदनशील क्षेत्र कहा जाता है। इसका कारण यह है कि वह दंगा सम्भावित क्षेत्र है और वह सिर्फ इसलिये है कि वहाँ मुसलमान अधिक संख्या में रहते हैं। क्या मुसलमानों के तथाकथित पक्षधर इतना भी नहीं समझते कि ऐसा कहकर वे परोक्षतः मुसलमानों को दंगाई घोषित कर रहे हैं? यदि वास्तव में उन्हें ऐसा लग रहा है कि भाजपा उन्हें अपने जाल में फँसा रही है तो वे भाजपा को तो बदल नहीं सकते पर अपना चरित्र तो बदल ही सकते हैं। वे अपनी दंगाई फितरत पर तो नियंत्रण कर ही सकते हैं। आखिर वे ऐसे नहीं होते तो बार-बार भाजपा का ट्रैप सफल कैसे होता?
सौ की सीधी बात यह है कि शोभा यात्राएँ तबतक संवेदनशील क्षेत्रों से निकलती रहनी चाहिए, जब तक उन्हें यह अच्छे से समझ मे नहीं आ जाता कि यदि हिंदुस्तान में रहना है तो बहुसंख्यक समाज के धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करना ही पड़ेगा और जब तक यह चेतना उनमें नहीं आ जाती भाजपा इसी प्रकार बहुसंख्यक समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपना विजय अभियान अनवरत जारी रखेगी उसे कोई रोक नहीं सकता।