आयुष्मान नये भारत की शुरूआत है जिससे हर वह आदमी उसका लाभ से सकेगा जो कि धनाभाव के कारण अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाते है। उनके परिवार का पीछे बुरा हाल होता है ओर आदमी का इसी तनाव में आधा जीवन बीत जाता हे कि मेरे परिवार की सुरक्षा केसे हो।मात्र 30 रुपये में कार्ड बनवा कर आप 5 लाख रुपए तक का मुफ्त में इलाज करा सकते हैं। यह कार्ड कोई मामूली कार्ड नहीं है। इस कार्ड का नाम है गोल्डन कार्ड जो आयुष्मान भारत स्कीम से जुड़ा है। इस स्कीम में शामिल हर व्यक्ति को यह कार्ड बनवाना अनिवार्य है। कार्ड बनने के बाद ही उसका इलाज हो पाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गत 23 सितंबर को आयुष्मान भारत योजना को लांच कर दिया गया। इस स्कीम में 10 करोड़ परिवार के लगभग 50 करोड़ लोग शामिल हैं। इन्हें 5 लाख रुपये तक के इलाज मुफ्त में दिए जाएंगे
कहां बनेंगे गोल्डन कार्ड
गोल्डन कार्ड दो जगहों पर बनेंगे। अस्पताल में और कॉमन सर्विस सेंटर (सीएसएसी) पर। सीएससी गांवों में आसानी से मिल जाते है। सीएससी के सीईओ डी.सी. त्यागी ने मनी भास्कर को बताया कि कॉमन सर्विस सेंटर पर गोल्डन कार्ड बनाने की तैयारी पूरी हो गई है। अगले सप्ताह से कार्ड बनने का काम शुरू हो जाएगा। कार्ड बनाने के बदले 30 रुपये लिए जाएंगे। कार्ड को लेमिनेट करके दिया जाएगा। स्कीम में शामिल व्यक्ति सीएससी में आकर आयुष्मान भारत की सूची में अपना नाम चेक कर सकता है। नाम होने पर उसका कार्ड बन जाएगा। त्यागी ने बताया अगर एक परिवार में पांच व्यक्ति हैं तो सभी के अलग-अलग कार्ड बनेंगे। ऐसा नहीं है कि एक ही कार्ड से पूरे परिवार का काम चल जाएगा। सीएसई के अलावा कार्ड अस्पतालों में भी बनेंगे। अस्पताल में कार्ड मुफ्त में बनेगा। अमूमन लोग बीमार होने पर ही अस्पताल जाते हैं, इसलिए बीमार होने से पहले कार्ड बनवाना है तो उन्हें सीएससी जाना पड़ेगा। वैसे भी, गांव से अस्पताल जाने में 50-100 रुपये खर्च हो जाएंगे। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अधीन हजारीबाग जिला अस्पताल में देश का पहला गोल्डन कार्ड बना। रेणु देवी नाम की महिला के नाम पहला गोल्डन कार्ड बनाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी भेज रहे हैं लेटर
आयुष्मान हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के सभी लाभार्थी को प्रधानमंत्री मोदी खुद लेटर भेज रहे हैं। उस लेटर के माध्यम से ही इंश्योरेंस की आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। इस लेटर की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें फत् (क्यूआर) कोड दिया गया है। क्यूआर कोड होने से हेल्थ सेंटर या अस्पताल में आपकी पहचान आसानी से हो जाएगी। सभी लाभार्थी का क्यूआर कोड अलग-अलग है। इस क्यूआर कोड से अस्पताल में आपनी पहचान सुनिश्चित होने के बाद लाभार्थी परिवार को गोल्डन कार्ड इश्यू किया जाएगा। यह गोल्डल कार्ड ही उन्हें हमेशा काम आएगा
1300 से ज्यादा बीमारियों का इलाज
आयुष्मान स्कीम के तहत कैंसर, दिल की बीमारी, किडनी, लिवर, डायबिटीज समेत 1300 से ज्यादा बीमारियों का इलाज आयुष्मान भारत के तहत कवर होगा। साथ ही यह इलाज सरकारी समेत प्राइवेट हॉस्पिटल में भी कराया जा सकेगा। इसमें जांच, दवाई, इलाज, हॉस्पिटलाइजेशन और उसके बाद का खर्च भी कवर होगा। इसके अलावा पहले से मौजूद बीमारी भी कवर होगी।