भारत के खाद्य सुरक्षा और नियामक प्राधिकरण के अनुसार घी – दूध या मिल्क क्रीम से बना एक फैट है जिसमें किसी भी तरह का कोई रंग या प्रिजर्वेटिव ( डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाला तत्व) मौजूद नहीं होता | संस्कृत में गाय के घी को घृत के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है ‘उजला’ या ‘उज्ज्वल’ करने वाला | आयुर्वेद में गाय के घी की पहचान रसायन के रूप में की गई है|
घी में मौजूद रासायनिक तत्व
गाय के घी में वैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा कैरोटीन जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं | साथ में विटामिन K2 पाया जाता है | गाय के घी में संतृप्त वसा की उच्च मात्रा लगभग 7.9 ग्राम होती है| 1 बड़े चम्मच गाय के घी में 112 कैलोरी होती है | घी में शार्ट चेन फैटी एसिड होते हैं | घी में विटामिन ए, डी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम मिनरल्स जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं|
एक चम्मच घी में उपस्थित पोषक तत्व–
वसा 12 .73 ग्राम , (संतृप्त वसा 7.926 , मोनोसैचुरेटेड 3 . 678, पोलियन सैचुरेटेड वसा 0. ४७३ और प्रोटीन 0.04 ग्राम ) | घी में 0 3 पॉइंट 9 मिलीग्राम ओमेगा 6 25 पॉइंट 6 मिलीग्राम ओमेगा फैटी एसिड शामिल होता है
घी के रंग का कारण-
देसी गाय के घी का रंग हल्का पीला दिखता है| यह बीटा केरोटीनाइड रंजक की उपस्थिति के कारण है | बीटा केरोटीनाइड गायों के आहार पर हुई रासायनिक प्रक्रिया और सूर्यकेतु नाड़ी के उपस्थिति के कारण होता है |
गाय के घी के लाभ के कारण-
गाय के घी में एंटीवायरल, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीफंगल और जीवाणु विरोधी गुणों के साथ सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं|
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक –
घी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है | ब्यूटीरिक एसिड घी में एक महत्वपूर्ण तत्व होता है जो टी सेल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद करता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए ठीक से काम करने के लिए महत्वपूर्ण है | इसके अलावा विटामिन ए की मौजूदगी के कारण घी की एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि शरीर में मुक्त कणों को नष्ट करने में सहायक होता है| विटामिन ए भी पूरे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है जो अन्यथा प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती है|
हवन में देसी घी का लाभ कैसे होता है?
हवन में सामग्री के साथ देसी गाय का घी अग्नि कुंड में आहूति के रूप में डाला जाता है| इससे एथिलीन ऑक्साइड, प्रोपिलीन ऑक्साइड, फॉर्म्सडीड आदि गैस निर्मित होती हैं |
एथिलीन ऑक्साइड गैस जीवाणु विरोधक गैस है | आजकल शल्य चिकित्सागृह (ऑपरेशन थिएटर) में तथा जीवन रक्षक औषधियां बनाने में उपयोगी होती है |
गाय का 100 ग्राम घी हवन सामग्री के साथ डालने से वातावरण में 1 टन ताजा ऑक्सीजन उपलब्ध होता है| प्रोपिलीन ऑक्साइड गैस को कृत्रिम वर्षा का आधार मानते हैं
अग्नि में गाय के घी की आहुति देने से उसका धुआं वातावरण को प्रदूषक और आणविक विकिरण से मुक्त करता है| हवन सामग्री में जो वनस्पतियां होती हैं उस में कीटाणु नाशक, स्वास्थ्यवर्धक, पौष्टिक, सुगंधी वर्धक, ऑक्सीजन वर्धक गुण होते हैं | यज्ञ में होने वाली रासायनिक क्रियाएं ज्वलन (Combustion) उर्ध्वपातन (sublimation) धूनी (fumigation), औटना (voltazation) होता है|
Fumigation is a method of pest control that completely fills an area with smoke , vapour, gas for the purpose of disinfecting. voltilization is the process whereby dissolved sample is vaporized .
यह सभी रासायनिक क्रियाएं लाभकारी हैं | इनमें ज्वलन अभिक्रिया के दौरान गाय का घी (जिसमें लगभग 8% संतृप्त वसा (सिचुएटेड फैटी एसिड) तथा ट्राइग्लिसराइड्स] डाई ग्लिसराइड, मोनोग्लिसराइड्स ) ज्वलन को तेज करते हैं जिससे complete Combustion होता है| फैटी एसिड के combustion के दौरान CO2 और h2o निकलती है | complete Combustion से co2 (कार्बनडाई ओक्साईड) भी बहुत कम हो जाती है| Glycerol के Combustion से Pyruvic एसिड और ग्लाइओक्सल (C2 h2o2) बनता है | Pyrovic एसिड हमारे मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और बैक्टीरिया को खत्म करता है|
इसके अलावा combustion के दौरान जो हाइड्रोकार्बन बनते हैं उनसे पुनः स्लो combution रिअक्सन होता है और मिथाइल, इथाइल, अल्कोहल, फार्मिक एसिड, और फॉर्म एल्डिहाइड आदि बनता हैं | यह वायु को कीटाणु नाशक बनाते हैं यहां तक कि h1 n1 वायरस को भी समाप्त करने की क्षमता ये रखते हैं|