लॉक-डाउन 4.0 की घोषित अवधि समाप्ति के कगार पर है । कुछ राज्यों में कोरोना ग्रस्त लोगों की संख्या में भारी इजाफा दिख रहा है । देश में व्यापारिक प्रतिष्ठान, उद्योग, सरकारी-गैरसरकारी कार्यालय, कृषि संबंधी कार्य, वाहन-व्यवहार बहुत हद तक प्रारंभ हुआ है । दारू दुकान खुलते ही वहां लगी भीड़ भी हमने देखी है । दारू बिक्री से होने वाली आय सरकारी खजाने का अच्छा स्रोत है ।
लॉक-डाउन करके सरकार ने उस समय सभी गतिविधियों के साथ मंदिर, गुरुद्वारे, चर्च, मस्जिद/दरगाह भी आम श्रद्धालुओं के लिए बंद किए थे जो उस समय परिस्थिति के अनुरूप समयोचित निर्णय था ।
हम सभी जानते हैं और अनुभव भी करते हैं कि श्रद्धा के ये स्थान हमारे व्यक्तिगत जीवन और सामूहिक जीवन के लिए चैतन्य प्रदान करने वाले, ऊर्जा के स्रोत एवं संकट,कष्ट, विपदा दूर करने के बड़े केंद्र हैं। हम ऐसा महसूस भी करते हैं।
साथ साथ मंदिर, गुरुद्वारे, चर्च, मस्जिद/दरगाह की गतिविधियों से अनेक लोगों की रोजी-रोटी भी जुड़ी हुई है जो लॉक-डाउन से बंद है।
देवालय में जाने वाले श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी बनाए रखने की हिदायत देकर तथा देवालयों के प्रबंधकों को इसके पालन के संदर्भ में स्पष्ट दिशा निर्देश देकर इन्हें खोल देना चाहिए जैसा कि बाजार , कार्यालयों आदि के संदर्भ में किया गया है।
आज के संकट की घड़ी में इन श्रद्धा-स्थानों का खुलना इस संकट के निवारण में जनता के लिए भावनात्मक रूप से उपयोगी भी सिद्ध हो