हर अच्छी चीज का विरोध होता है और इसी विरोध के साथ प्रस्तुत केंद्रीय बजट सराहनीय है और यह भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने वाला साबित होगा।बजट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, रेलवे और राजमार्गों के विकास एवं विस्तार के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, उससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी और इससे बेरोजगारी को भी दूर करने में मदद मिलेगी।कोरोना महामारी के दौरान देश पर पड़े बुरे प्रभाव को दूर कर आत्मनिर्भर बनाने वाले इस बजट में आम आदमी की सेहत का विशेष ध्यान रखा गया है। इसके अलावा जल्दी ही एक देश एक राशन कार्ड का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। रेल और सड़क कॉरिडोर के विस्तार से देश को हर क्षेत्र में प्रगति को बल मिलेगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जो बजट पेश किया है, वह लंबे समय तक विकास की जमीन तैयार करेगा। बजट में किसानों, व्यपारियों और उद्योग करने वालों का विशेष ध्यान रखा गया है।बजट में 75 साल से ऊपर वाले पेंशनधारियों को कर से छूट देने की सराहना की।100 शहरों में सीएनजी और रसोई गैस पाइपलाइन उपलब्ध कराने से लाखों परिवारों को इसका लाभ मिला है। किसानों की आय दोगुनी करने, नए सैनिक स्कूल खोलने, राजमार्ग के विस्तार, गरीबों के लिए मुफ्त गैस योजना के विस्तार और मेट्रो शहरों में सिटी बस सेवा जैसे प्रस्ताव वास्तव में स्वागत योग्य है। नए बजट में कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है, इसलिए 17 नए पब्लिक हेल्थ यूनिट, 15 हेल्थ इमरजेंसी सेंटर और 2 मोबाइल अस्पताल भी खोलने का ऐलान किया गया है। इतना ही नहीं न्यूमोकोकल टीकों को उपलब्ध कराये जाने पर निमोनिया, सेप्टीसीमिया और मेनिन्जाइटिस जैसे घातक बीमारियों से हर साल देश में 50,000 से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकती है।केन्द्र सरकार द्वारा जारी आम बजट में कोरोना काल में बर्बादी की कगार पर पहुंचे देश के लघु व मध्यम उद्योग धंधों तथा खुदरा व्यापार के लिए कोई ठोस योजना लागू किए बिना आत्मनिर्भर भारत की बात करना बेमानी है।
कुछ लोगों का मत आम बजट पर अलग हो सकता है | देश का खुदरा व्यापार उम्मीद कर रहा था कि आम बजट में केन्द्र सरकार ई-कम्पनियों पर लगाम लगाएंगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जो कि निराशाजनक है। इस तरह की बातें चल रही है। जो कि निराधार है सभी के लिये इस बजट में कुछ न कुछ है किसी के बहकावे में न आये।
कुछ लोगों का मानना है कि बजट 2021 में आयकर दाताओं को किसी तरह की राहत नहीं देना भी निराशाजनक रहा। न तो आयकर की सीमा में छूट का एलान किया, न ही आयकर स्लैब में कोई बदलाव किया। इसके अलावा निवेश करने पर आयकर में मिलने वाली छूट यानी 80 सी के तहत भी सरकार ने कुछ एलान नहीं किया। आर्थिक मंदी के कारण लोगों की क्रय शक्ति और घरेलू मांग कम हो रही है। इस बजट में वृद्धि के बजाय निवेश को बढ़ावा देने के नाम पर कॉरपोरेट्स को अधिक रियायतें दी गई है। अधिक निवेश विकास की गारंटी नहीं देता है क्योंकि उत्पादों के लिए कोई खरीदार नहीं होते हैं।आम बजट लघु व मध्यम उद्योग व व्यापार के साथ आम आदमी की समस्याओं को बढ़ाने वाला है। पेट्रोल, डीजल पर सेस, एफडीआई, रेलवे सहित कई सरकारी कंपनियों को बेचने की तैयारी आम आदमी को बुरी तरह प्रभावित करेंगी और महंगाई की मार से जीवन बेहाल करेगी।
कुछ लोग यह भी कह रहें है कि बजट में न तो गरीब व मध्यम वर्ग की जनता का ध्यान रखा गया है और न हीं लघु व मध्यम उद्योग धंधों, खुदरा व्यापार को बचाने की कोई योजना को लागू किया गया है। जब पहले से ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं और अपने अब तक की रिकार्ड ऊंचाई पर है सेस लगा दिया है। पेट्रोल पर 4 रुपए और डीजल पर 2.50 रुपए प्रति लीटर कृषि अधिभार यानी ‘एग्रीकल्चरल सेस’ लगाने का एलान कर वित्तमंत्री का ये कहना कि उपभोक्ता पर इसकी मार नहीं पड़ेगी अपने आप में हास्यापद है। बजट को उद्योग जगत व व्यापारियों के लिए खोखला बताते हुए निराशा व्यक्त की औैर कहा कि यह विकास के लिये सही नही है। इस बात पर सरकार को अभी थोडा और समय देना चाहिये इसका फायदा आने वाले समय में दिखेगा।व्यापारी की बहुत सी मांगे थी जिनको बजट में पूरा किए जाने की आशा थी परन्तु व्यापार जगत के लिए बजट निराधार साबित हुआ है। यह भी सही नही है लोगों को बजट को लेकर गुमराह किया जा रहा है।