भारत की पहचान तीन चीजों को लेकर के हैं।पहले श्री राम, दूसरा श्री कृष्णा और तीसरा गौतम बुद्ध। राम के नाम को जहां मर्यादा के रूप में लिया जाता है ।वहीं श्री कृष्ण को अधर्म पर धर्म की विजय के लिए जाना जाता है और शांति के लिए गौतम बुद्ध को पूरे विश्व में जाना जाता है यह वह तीन कडी है जो भारत को यशस्वी बनती हैं और पूरे विश्व में इसका डंका बजता है इसलिए योगी सरकार ने फैसला लिया है। इन तीन चीजों पर फोकस किया जाएगा और आने वाले समय में पूरा विश्व इसका अनुसरण करें। इस तरह का माहौल बनाया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में धरोहरों को पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए कई सर्किट को विकसित करने का फैसला लिया है। जिसमे मुख्य रूप से रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, महाभारत सर्किट, सूफी सर्किट, क्राफ्ट सर्किट, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट, जैन सर्किट, वाइल्ड लाइफ एंड इको टूरिज्म सर्किट को विकसित किया जाएगा।इन सर्किट को बनाने की योजना को पिछले साल ही योगी सरकार ने हरी झंडी दे दी थी। इस योजना के तहत भगवान राम से जुड़े पर्यटन स्थल, भगवान कृष्ण से जुड़े पर्यटन स्थल को विकसित किया जाएगा। कृष्ण सर्किट में मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव, बलदेव व अन्य धार्मिक स्थलों को जोड़ा जाएगा। इसी तर्ज पर बौद्धर सर्किट में कपिलवस्तु, सारनाथ, कुशीनगर, कौशांबी, श्रावस्ती को जोड़ा जाएगा।
महाभारत सर्किट की बात करें तो इसमे हस्तिनापुर, कांपिल्य, एछत्र, कौशांबी, गोंडा, लाक्षागृह, बरनावा को जोड़ा जाएगा। वहीं स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शाहजहांपुर, मेरठ, काकोरी, चौरीचौरा जैसे स्थलों को विकसित किया जाएगा। सरकार की इस मुहिम से प्रदेश में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने इससे जुड़ी संभावनाओं को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। इसके लिए ना सिर्फ धरोहरों को राजमार्ग से जोड़ा जा रहा है बल्कि इन जगहों को पर्यटकों के लिए खास बनाया जा रहा है और उन्हें कई तरह की सुविधा यहां मुहैया कराने की तैयारी की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, महाभारत सर्किट, सूफी सर्किट, क्राफ्ट सर्किट, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट, जैन सर्किट तथा वाइल्ड लाइफ एंड इको टूरिज्म सर्किट विकसित किया जाएगा।प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं को तलाशने के साथ ही ग्रीन निवेश को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। यही वजह है कि पर्यटन स्थलों पर ई-बस और ई-रिक्शा की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। यहां डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को बंद किया जा रहा है। ग्रीन ट्रांसपोर्ट को आगे बढ़ाने के लिए योगी सरकार प्राइवेट ऑपरेटर्स को प्रोत्साहित कर रही है।
इस परियोजना पर कार्य करने के लिए सभी उद्योगपतियों से बात की जा रही है।पर्यटन को कैसे आगे बढ़ावा मिले इस पर कार्य किया जा रहा है ।होटल से बात की जा रही है, सड़के बनाई जा रही है और कॉरिडोर बने इस बात का ध्यान रखकर के लोगों से जमीन मांगी जा रही है ।आने वाले समय में उत्तर प्रदेश एक बहुत बड़ा पर्यटन हब होगा ।इस बात के संकेत अब दिखने लगे हैं। केंद्र सरकार भी इसमें सहयोग कर रही है और जो विरासत खाली पड़ी थी या वीरान पड़ी थी उसे पर अब कार्य हो रहा है।