सोशल मीडिया पर एक निर्देश आया कि जिन लोगों के प्लॉट 100 गज के हैं पांच बीघे खेत है चार पहिया गाड़ी है, वह लोग अपना राशन कार्ड शीघ्र अपने कार्य राशन कार्ड कार्यालय में जमा कर दें नहीं तो उनसे ₹24 प्रति किलो के हिसाब से गेहूं वॉच ₹32 प्रति किलो के हिसाब से चावल वसूला जाएगा । योगी का यह फरमान बताया गया । जिससे लोग दहशत में आ गए, राशन कार्ड कार्यालयों के सामने लाइन लग गई और लोग राशन कार्ड सरेंडर करने लगे। कई लाख संख्या में राशन कार्ड जमा हुए।
इससे पहले उप्र सरकार ने आदेश दिया कि जो व्यक्ति राशन कार्ड के लिए पात्रता नही रखता है, वो 22 मई से पहले अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दे, नही तो अब तक जितना राशन लिया है उसकी वसूली की जाएगी। जिसमें गेेेहू प्रति किलो 24 रूप्ये व चावल 32 रूप्ये प्रति किलो के हिसाब से लिये जायेगें। उसके बाद एक दिन में 1लाख 88 हजार राशन कार्ड लोगों ने सरेंडर कर दिए। सरकार ने पूरी मुनयादी करवा दी कि जिनके पास कार है, एसी है, इनकम टैक्स दे रहा हो, जिनके पास 5 एकड से ज्यादा जमीन है,100 वर्ग मीटर का मकान हो, सरकारी नोकरी है, वे सब मुफ्त के राशन के पात्र नही है और 22 मई तक अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दे।इसके बाद 31 मई तक तारीख बढा दी गयी है।हर शहर में कार्ड सरेंडर करने की लंबी लंबी लाइन लग गई है।
उत्तर प्रदेश के लिए मई का महीना बहुत ही कमाल कर रहा , सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि राशन कार्ड को लेकर जो फरमान शासन की तरफ से आया है , वह बाद में फर्जी निकला ।खाद्य रसद विभाग , ने खुद ही इस खबर का खंडन किया लेकिन तब तक कई लाख कार्ड सरेंडर हो चुके थ,े जहां तक मामले की बात है तो मामला यह था कि इस आदेश से यह पता चल सका कि राशन कार्ड के नाम पर किस तरह का गोरखधंधा पूरे प्रदेश में चल रहा।
खैर कुछ भी हो कोई कुछ भी बोले लेकिन राशन कार्ड को लेकर के लोगों में आम धारणा रही कि योगी कुछ भी कर सकते हैं जब उन्होंने वंदे मातरम मदरसों में कहवा दिया, लोगों से वसूली कर ली ।जिन लोगों ने दंगों में हाथ लगाया था उनके घर की नीलामी भी कर ली और वसूली भी हो गई। ऐसे माहौल में योगी की यह बात लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रही थी कि अगर राशन कार्ड सरेडर नहीं किया तो आने वाले समय में योगी इसका क्या चार्ज जो करेंगे वह समय ही बतायेगा। लेकिन एक बाद तो तय है कि योगी नाम ने बता दिया कि कितना दम है। गलत करने वाला कतार में खडा है कि राशनकार्ड जमा हेा जाये और मैं किसी तरह उनकी निगाह में न आउं।
फिलहाल यह बहुत ही अच्छा कदम है लेकिन सरकार को यह भी चाहिये कि जिनके कार्ड बने है उनके पास तक राशन पहुंच नही रहा है। कोटेदार और अधिकारी मिलकर राशन बेंच ले रहें है जिससे जनता तक नही पहुंच रहा हैं ं। शिकायत करने पर भी कोई कारवाई नही होती है। गांव में हालत और खराब है । जिसके कारण करोना काल में लोग लाभ नही ले पाये। कई ऐसे कोटेदार है जिन्होने दो बार की जगह महीने में एक बार ही राशन वितरित किया है। अधिकारी भी उनका समर्थन करते रहें है।