मैं कहाँ खड़ा हूं ?


इस मामले में मैं किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करता। एक कि भारतीय के रूप में मैं इस संकट की घड़ी में देश के प्रमुख का समर्थन करता हूं। उसकी टीकाकरण नीति उसकी ऑक्सीजन वितरण नीति की आलोचना करना बंद करें।यह स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति है और इस समय इस संकट से निपटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।मैं देशवासियों की सुरक्षा के लिए हर रोज प्रार्थना कर रहा हूं और संकट के इस दौर से बाहर आने के लिए जो भी करना है वह सभी मिलकर कर सकते हैं.यह समय अपने अपने धर्म, जाति, सम्प्रदाय के विचार से बहुत ऊपर उठकर मानवता का अस्तित्व बचाने का समय है.’
’हमारी केंद्र सरकार एक असाधारण संकट से निपट रहे हैं। किसी भी सरकार को ऐसी स्थिति का सामना स्वतंत्र भारत मे कभी नहीं करना पड़ा जिसने भारत के हर हिस्से और हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया हो. अगर परिवार का कोई सदस्य गंभीर रूप से बीमार हो तो हम हिल जाते हैं। यहां 140 करोड़ लोगों को खतरा है। कुछ लोग कहते हैं कि लॉकडाउन पहले नहीं होना चाहिए। कुछ लोग कहते हैं कि सेना को बुलाया जाना चाहिए। कुछ लोग खुफिया विफलता कह रहे हैं, जबकि अभी भी वह कुछ उपायों की घोषणा करके स्थिति सम्हालने की कोशिश कर रहे है।’
’हमारे बहुवर्गीय मान्यता वाले समाज में सभी की अपनी राय है लेकिन कोई भी 140 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं है’’यदि लॉकडाउन सफल नहीं होता है तो भी वही सबका लक्ष्य हो जाता है।यदि लॉक डाउन सफल होता है, फिर भी वही लक्ष्य है क्योंकि अर्थव्यवस्था प्रभावित है।’ ’वह हमेशा विपक्ष के निशाने पर ही रहे हैं. ये लोग कहते रहते हैं कि उन्होंने काम रोकने के लिए 140 करोड़ के राष्ट्र का आह्वान किया है. गरीबों के लिए भोजन जरूरी है। वह राज्यों की मदद से उन तक भोजन पहुंचाने का प्रयत्न कर रहे हैं, और इस कठिन समय मे भी राजनैतिक दल श्रेय की राजनीति में मग्न हैं.अमीर रो रहे हैं कि उनकी कमाई रुक गई है और जीवनशैली बदल गई है।जबकि मध्यवर्ग यह कहकर आलोचना करता है कि आप हमारी आर्थिक मदद के लिए पर्याप्त उपाय नहीं कर रहे हैं।’
’एक 70 वर्षीय व्यक्ति 130 करोड़ लोगों की अपेक्षाओं का बोझ अविरत ढो रहा है।’’और यहाँ, कुछ लोग जो घर पर बैठे हैं और अपने प्रयासों से बाधा बनने की कोशिश करते हैं,जो कि शर्मसार करने वाला व्यवहार है ! लेकिन फिर, ’वह भी मानव है और दबाव बहुत बड़ा है. उनके खिलाफ की गई सभी आलोचनाओं के बावजूद वह अपना काम एकतरफा भक्ति और फोकस के साथ कर रहे हैं।’कोविड -19 उन सभी समस्याओं में सबसे कठिन है, जिनका सामना केंद्र सरकार को करना पड़ा है।’ सरकार की इच्छाशक्ति और इस अनूठी, कठिन समस्या को दूर करने के प्रयास भी सफल होंगे’.
’हम सभी भारत के बहुसंख्यक नागरिक कानून का पालन करते हैं, हम सभी सरकार से सिर्फ शिकायत करने और आलोचना करने के बजाय, उसे सकारात्मक वाइब्स भेजें. हम सभी अपनी केंद्र सरकार की कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में सफलता की कामना करते हैं। ’मैं अपने देश और अपने देश की सरकार के साथ खड़ा हूं ….यह समय देश के साथ खड़े होने का है,आपस मे लड़ मरने का नही है।

Leave a Reply