हाल के दिनों में जिस तरह की असामाजिक गतिविधियां हुई हैं, मैं काफी आहत हूं। मैं युवाओं से समाज को बांटने वाले ऐसे लोगों से और ऐसी गतिविधियों से सावधान करना चाहता हूं। पीस टीवी चैनल पर पहले तो जाकिर नाइक का विवादास्पद बयान और दूसरी ओर ढाका में आतंकियों द्वारा बर्बरता की हद। कुछ दिन पहले ढाका में हुए आतंकी हमले के दौरान मीडिया में जाकिर नाइक से गलत प्रेरणा फैलना की बात सामने आई जिसके बाद खुद जाकिर ने दावा किया था कि बांग्लादेश में मुझे ज्यादातर लोग जानते हैं, जिनमें कई नेता, बिजनेसमैन, स्टूडेंट्स शामिल हैं। ऐसे मुद्दों से युवा दिग्भ्रमित होते हैं। वहीं बीडीन्यूज24 डॉट कॉम की खबर के अनुसार, डीएमसीएच के फोरेंसिक विभाग सहायक प्रोफेसर मुहम्मद सोहेल महमूद के नेतृत्व में रविवार को तीन सदस्यीय टीम ने कंबाइंड मिलिटरी हॉस्पीटल (सीएमएच) में पोस्टमार्टम किया था, जिसके बाद पाया गया कि सभी मृतकों के सिर और गर्दन पर तेज हथियार के जख्म थे। कुछ के गला भी रेता हुआ था। कहा गया कि अधिकांश विदेशी बंधकों को काटकर मारा गया है। सात विदेशियों के शव में गोलियां पाई गई हैं, लेकिन उनके सिर और गले भी काटे गए हैं। कहा गया कि इटली के एक नागरिक एवं एक बांग्लादेशी महिला की मौत भोथरी चीज से चोट की वजह से हुई। ऐसा उस घटना के बाद हुआ जब गत शुक्रवार की शाम राजनयिकों के रिहायशी इलाके गुलशन में सात कम उम्र के इस्लामी आतंकी बंदूक और विस्फोटक के साथ होली आर्टिसन बेकरी एंड ओ किचन रेस्टोरेंट में घुसकर कम से कम 33 लोगों को बंधक बना लिया था। इनमें से रात में उन्होंने 2० की निर्मम ढंग से हत्या कर दी गई थी।
मैं पूरे विश्व को ऐसे गतिविधियों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करता हूं, साथ ही हिन्दुस्तान के युवाओं से कहना चाहता हूं कि जो भी लोग देश को तोड़ने जैसी बातें करते हैं, उनसे सावधान रहें।
chaitanya shree सरकार धर्मान्तरण के खिलाफ कठोर कानून बनाए
आदरणीय मोहन भागवतजी ने जो कहा था उसमे कोई गलती नहीं थी ,हिन्दुस्तान के नाम का मतलब ही यही है ,जहाँ हिन्दुओ का निवास होता हो या रहते है। यहाँ जितने धर्म को माननेवाले है उन सभी के पूर्वजो का इतिहास हिन्दू सभ्यता से रहा है , हमारे हिन्दू भाई जो इस्लाम धर्म को तलवार के नोक पर अपनाये उनकी पीढ़ी हिंदुत्व की ही थी इसलिए हिंदुस्तान की आत्मा को अगर हिंदुत्व कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। आदरणीय मोहन भागवतजी की बात तर्कसंगतहै।
मित्रो आपको जान कर आश्चर्य होगा भारत तथा नेपाल के अतिरिक्त विश्व के सभी देश धर्म पर आधारित है। केवल इन दो देशो के संविधान में “सेक्युलर” शब्द जोड़ा गया है अन्य किसी भी देश के संविधान में “सेक्युलर ” शब्द नहीं है। अमेरिका “सेकुलरिज्म ह्यूमन राइट “के लिए सभी देशो में आदर्श माना जाता है ,वहाँ राष्ट्रपती को सपथ लेनी होती है तो सर्वप्रथम चर्च जाना होता है तथा वहाँ के पादरी उन्हें शपत दिलाते है और जब संसद का अधिवेसन आरम्भ होता है तो बाइबिल का पाठ होता है , जहाँ तक मुझे पता है जितने भी यूरोपीय देश है वहां भी बाइबिल का ही पाठ होता है। जापान के महाराज तथा सम्राट को बौद्ध धर्म का रक्षक घोषित किया गया है। इंग्लैंड में प्रोटेस्टेंट ईसाई बने बिना वहाँ कोई भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। प्रत्येक देश में ऐसा कुछ न कुछ होता है
उत्तरपाड़ा के महर्षि अरविन्द के प्रसिद्ध भाषण में उन्होंने कहा था “हिंदुत्व तथा राष्ट्रयत्व अभिन्न है ,भारत का राष्ट्रयत्व केवल हिंदुत्व है , और कुछ नहीं। ”
आपको जान कर आश्चर्य होगा इसी हिन्दुस्तान में धर्मनिर्पेक्ष विचारधारा में हिन्दू ,ईसाई ,तथा मुसलमान सभी सामान है तब भी इस्लाम तथा ईसाई बहुल राज्यों में हिन्दू मार खा रहे है हिन्दू मूल निवासी है ,तब उनकी ऐसी दुर्दशा है।
हिदुस्तान का मूल तत्त्व अथवा मूल निवासी हिन्दू है तो हम सभी हिन्दुस्तानी है ,हिन्दुस्तानियों में सभी मुस्लिम क्रिस्चन इत्यादि का मूल तत्त्व हिन्दू है कही -न कही किसी न किसी तरह उन सभी के पूर्वज हिन्दू ही रहे है अतः यह हिन्दुस्तान है। यह देश तथा तथा संस्कृति हिन्दुओ की है अतः यह हिन्दू राष्ट्र है ,हिन्दू राष्ट्र का मतलब यहाँ राम राज्य से है जहा किसी भी धर्म और संप्रदाय के मानने वालो को सामान दृष्टिकोण और और सौहार्द पूर्वक रहने के लिए है।
मेरा मानना है की अगर सरकार धर्मान्तरण के खिलाफ कठोर कानून बनाती है तो सारी समस्याओ का जड़ समाप्त हो जायेगा ,विपक्ष को भी अपना द्रिस्टीकोण स्पष्ट करना चाहिए,जनता भी विपक्ष का रुख जानना चाहती है। मै मानता हूँ ,की सरकार धर्मान्तरण के खिलाफ कठोर कानून बनाए और हिन्दुस्तान की आत्मा को जख्मी होने से बचाए।
आपका चैतन्य श्री