सरकार का ऐतिहासिक कदम, थोड़ा कष्ट ज़रूर, मगर अच्छे दिन का आगाज़

noteमाननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इस ऐतिहासिक फैसले की अचानक घोषण से आम आदमी को थोड़ी मुश्किलों का सामना ज़रूर करना पड़ रहा है, विमुद्रीकरण के बाद नए नोटों के लिए लोगों को एटीएम के बाहर लंबी लाइन लगानी पड़ रही है, लेकिन इससे देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और जनता को ढेरों फायदा होने वाला है। विश्व बैंक ने जुलाई, 2010 में जारी की गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2007 में भ्रष्टाचार की अर्थव्यवस्था देश की इकॉनमी के 23.2 पर्सेंट के बराबर थी, जबकि 1999 में यह आंकड़ा 20.7 पर्सेंट के बराबर थी। इसके अलावा भारत समेत कई एजेंसियों ने भी इसी तरह के अनुमान जताए थे। हार्वर्ड की स्टडी के मुताबिक बड़े करंसी नोटों को बंद करने से टैक्स से बचने वालों, वित्तीय अपराधियों, आतंकियों के आर्थिक नेटवर्क और भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जा सकेगी। 500 रुपए के 1650 करोड़ नोट चलन में हैं। इसका मूल्य है 7।8 लाख करोड़ रुपए। यानी कुल करेंसी का 47.85% है। 1000 रुपए के 670 करोड़ नोट चलन में हैं। मूल्य 6.3 लाख करोड़ रुपए। यानी कुल करेंसी का 38.54% है।

निस्संदेह, यह कदम भ्रष्टाचार की गढ़ बने उद्योगों मसलन रियल एस्टेट और सर्राफा बाजार में बड़े सुधार का एजेंडा तय करेगा। आज जिस रियल एस्टेट में काले धन का प्रवाह हो रहा है और लोगों के पास खरीदने को पैसा ही नहीं, वहीं यह दूरी पाटी जाएगी। आम लोग भी घर खरीद पाएंगे, वो भी उचित कीमतों पर। यानि, रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र, खासकर सेकंडरी मार्केट, पर इसका बड़ा असर होगा क्योंकि यह कारोबार ज्यादातर नगदी लेन-देन पर ही निर्भर होता है। इस वजह से इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा काला धन भी पैदा होता है। जो खरीदार बेचने के लिए प्रॉपर्टी खरीदते हैं, वह ही टैक्स बचाने के लिए बड़ी राशि नगदी में लेते हैं लेकिन नई व्यवस्था से इस पर गाज गिरेगी।

रियल एस्टेट के साथ ही, सोना और जेवरात उद्योग में भी ज्यादातर लेन-देन नगदी में होता है, जो अवैध पैसे के इस्तेमाल को बढ़ावा देता है। सोने की मांग घटेगी तो कीमतें भी कम होंगी। जैसे-जैसे बाजार बिना नगदी वाले लेन-देन की ओर बढ़ेगा, सरकार का राजस्व बढ़ेगा। यह सरकार के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद रहेगा। स्टॉक और कमोडिटी मार्केट्स में कम अवधि में सुधार आएगा। फ्रंट कंपनियों की ओर से चैनलाइज किया गया अवैध पैसा धीरे-धीरे कम होता जाएगा। पी-नोट्स पर लगाम होगा, जिसमें बड़ी संख्या में काले धन का इस्तेमाल हो रहा है।

कुल मिलाकर कहें तो जनता सर्वोपरि होगी। लूटने वालों पर लगाम होगा।

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