गाय – राजनीतिक/ सांप्रदायिक या परिपूर्ण युक्त पशु – गौमाता (1)

25 सितंबर 2015 को दादरी स्थित गौतम बुध नगर जिले में मोहम्मद अखलाख की हत्या हुई । इसकी भर्त्सना सारे देश ने की। बुद्धिजीवियों में आरोप -प्रत्यारोपों की बाढ़ सी आ गई । कुछ साहित्यकारों ने अपने पुरस्कार लौटा दिए ।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की युवा शाखा डीवाई एफ़ आर ने पूरे देश में गौ मांस उत्सव मनाने की बात कही । तृणमूल कांग्रेस के एक संसद सदस्य ने गायों को वधशाला भेजने की वकालत करते हुए उसके मांस को गरीबों के लिए सस्ता प्रोटीन उपलब्धता का साधन बताते हुए कहा कि महाराष्ट्र में गौ मांस पर प्रतिबंध से हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है।

 पिछले साल जुलाई 2019 में राजस्थान स्थित अलवर जिले में गैरकानूनी तरीके से गोवंश की ढुलाई के मामले में स्थानीय पुलिस ने पहलू खान एवं उसके दो बेटे और ट्रक ऑपरेटर के खिलाफ पहल की तो कांग्रेस के लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। सितंबर 2019 बुलंदशहर जिले में गोकशी की अफवाह को लेकर उग्र भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी।

 देश में निर्यात होने वाले मांस में बीफ निर्यात बढा है। ओईसीडी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 38400 टन बीफ निर्यात किया गया ।

सितंबर 2018 में संसद की राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री ने बताया था कि 2014 से मार्च 2018 तक 9 राज्यों में मॉब लिंचिंग की 40 घटनाओं में 45 लोगों की मौत हो गई । इसमें 33 मौत गौ से संबंधित घटनाओं में हुई।

 लगभग 4 वर्ष पूर्व जब केंद्र सरकार ने देशभर में वध के लिए पशुओं की खरीद बिक्री पर रोक लगाई तो इस कानून के खिलाफ केरल सरकार ने इसे राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप बताते हुए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा।

30 मई 2015 को भीड़ ने राजस्थान के नागौर जिले के बिरलोका गांव में मांस की दुकान में गौ मांस बेचने को लेकर दुकान के मालिक अब्दुल गफ्फार कुरैशी की डंडे और लोहे की छड़ से बेरहमी से पिटाई की थी ।

14 अक्टूबर 2015 को हिमाचल प्रदेश के शिमला के सराहन गांव में उग्र भीड़ ने गायों की तस्करी में लिप्त ट्रक चालक नोमान की हत्या की ।

18 मार्च 2016 को झारखंड के मुस्लिम मवेशी व्यापारी मोहम्मद मजलूम अंसारी और उसके बेटे मोहम्मद इम्तियाज खान की गायों की तस्करी और कत्ल के आरोप में हत्या कर दी गयी।

21 अगस्त 2015 जम्मू-कश्मीर प्रदेश में सांबा जिले के राया मोद के समीप मुराइन गांव में नहर किनारे गाय का सिर कटा शव मिला जिसके कारण वहां तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस घटना से नाराज लोग प्रदर्शन , पथराव और आगजनी पर उतर आए। इसके बाद कुछ दिनों तक कर्फ्यू लगाना पड़ा।

 अप्रैल 2019 में असम के विश्वनाथ जिले के एक शख्स शौकत अली को गौ मांस बेचने के आरोप में भीड़ ने न सिर्फ पीटा बल्कि उसे सजा देने के लिए सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया।

 मई 2019 में झारखंड के गुमला जिले के झुमरू गांव में गौ – हत्या के आरोप में प्रकाश लकड़ा की आदिवासियों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी।

( क्रमशः जारी…..)

One thought on “गाय – राजनीतिक/ सांप्रदायिक या परिपूर्ण युक्त पशु – गौमाता (1)

  1. यथार्थवादी चिन्तक की चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम

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