विपक्ष के लिये पीएम को बाईपास करना आसान नही

भारतीय जनता पार्टी की नीतियों का प्रचार कर वर्तमान भाजपा सांसद अपने निर्वाचित क्षेत्र का चुनाव लडेगें। ऐसा प्रतीत सा होता है क्योंकि अब तक जो भाजपा ने किया है उस तरह से देश की किसी भी पार्टी ने नही किया है । मूल बात यह है कि जिस भ्रष्टाचार को सफाई से हटाया है वह अभी तक अकल्पनीय था। किन्तु जो लोग अभी तक प्रधानमंत्री के खिलाफ बोल रहे थे वह अब मौन है उनकी राजनीति विरासत का लोहा लेना अब पार्टियों को भारी पड रहा है।

कुल मिलाकर देखा जाय तो मोदीजी के समर्थक में वैसे भी वो लोग हैं, जिन्हें न तो राजनीति से मतलब है और न ही राष्ट्रीय स्वयं संघ से! वे निष्पक्ष हैं लेकिन मोदीजी में उन्हें आशा दिखती है! वर्षों की तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार और राजनैतिक अपराध से निराश लोगों में मोदीजी एक हिम्मत जगाते हैं!नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए मोदीजी अपने समर्थकों में विश्वास भी जगा चुके हैं!अब आइए, मोदी विरोधी कौन से लोग हैं! मोदी विरोधी केवल विपक्ष की राजनीति या भाजपा विरोधी नेता ही नहीं हैं!एक बड़ा वर्ग गैर-राजनीतिक लोगों का है, जिसे जानते तो सभी हैं लेकिन स्पष्ट विवरण या तस्वीर नहीं होने के कारण मूल तक नहीं पहुंच पाते! इसमें पहला वर्ग है कट्टरपंथी मुसलमान! अब जहां कट्टरपंथी मुसलमान है वहां पाकिस्तान और बांग्लादेश स्वतः आ जाता है, इस्लाम के सहारे कह लें या मुस्लिम ब्रदरहुड!जब बांग्लादेश और पाकिस्तान आता है, तब आतंकवाद, नकली नोट का कारोबार, स्मगलिंग, घुसपैठ और गोधन का अवैध कारोबार अपने आप शामिल हो जाता है!

दूसरा वर्ग है मिशनरीज! मिशनरीज का अर्थ है धर्मांतरण और भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं जीडीपी को तोड़कर भारत को आयात के भरोसे रखना।तीसरा वर्ग है नक्सलवाद, यह एक सूअर की प्रजाति है, जिसे गंदगी पसंद है!मतलब भारत में गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी का आलम बना रहे ताकि इसके नेताओं को समर्थक मिलते रहें, और क्रांति के नाम पर अरबों रुपये की लेवी उगाही का धंधा चलता रहे!चैथा वर्ग है माफिया, अफसरशाही का गठजोड़, यह घरेलू दीमक है, जो दीवारों की नींव में पैठ बनाकर खोदता रहता है, और तमाम संसाधनों को चट कर जाता है! इस वर्ग में मीडिया के नाम पर जीने खाने वाले दलालों की संख्या भी बहुत बड़ी है। जिसे समय रहते ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।

अब आइए दादरी, ऊना, रोहित वेमुला, असहिष्णुता, अवार्ड वापसी, जेएनयू और तत्काल भीमा कोरेगांव के मुद्दे पर, तब स्पष्ट हो जाएगा कि मोदी विरोधी तबका कर क्या रहा है? जिस स्क्रीन शॉट को मैं यहां साझा कर रहा हूं वह एक कड़ी है भीमा कोरेगांव की घटना के पीछे चल रहे योजनाबद्ध षडयंत्र की! कंजकिरो झारखंड का छोटा सा गांव है, इसके बगल में बोकारो थर्मल पावर स्टेशन है जहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की टुकड़ी तैनात रहती है! 2006- 07 के बीच इस इलाके में दो नक्सली वारदात हुए जिसमें 15 जवान शहीद हो गए थे! दून स्कूल का छात्र रहा उच्च शिक्षित कोबाड गांधी नक्सली समूह भाकपा माओवादी का पोलित ब्यूरो सदस्य और थिंक टैंक है! कोबाड गांधी पर नक्सली वारदात को अंजाम देने के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।इसकी पत्नी का नाम है अनुराधा गांधी, वह भी नक्सली संगठन की बड़ी सिंपेथाइजर रही है!मिलिंद तेलतुंबडे नाम का इंजीनियर 80 के दशक में वेस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड में नौकरी करता था एवं ट्रेड यूनियन का नेता था!उन्हीं दिनों उसकी मुलाकात कोबाड गांधी की पत्नी अनुराधा गांधी से हुई, और वह नक्सली संगठन में शामिल हो गया!

मघ्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के जंगलों में मिलिंद तेलतुंबडे दुर्दात नक्सली नेता के रूप में कुख्यात ही नहीं है, बल्कि इस 47 वर्षीय नक्सली की 97 हजार वर्ग किमी में फैला जंगली क्षेत्र में समानांतर सरकार चलती रही है! मिलिंद तेलतुंबडे का बड़ा भाई है आनंद तेलतुंबडे!आनंद तेलतुंबडे बाबा साहब अंबेदकर की पोती का पति है, यानि बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश अंबेदकर का बहनोई!

वर्तमान प्रधानमंत्री मा. नरेन्द्र मोदी को देश की जनता का आक्रोश क्यो सहन करना पड रहा है जरा गौर करने जैसा है.। नया आधार लिंक कराने से महाराष्ट्र में 10 लाख गरीब गायब हो गए!उत्तरखण्ड में भी कई लाख फर्जी बीपीएल कार्ड धारी गरीब खत्म हो गए !तीन करोड़ (30000000 ) से जायदा फर्जी एलपीजी कनेक्शन धारक खत्म हो गए !मदरसों से वजीफा पाने वाले 1,95,000 फर्जी बच्चे गायब हो गए!डेढ़ करोड़ (15000000 ) से ऊपर फर्जी राशन कार्ड धारी गायब हो गए!ये सब क्यों और कहाँ गायब होते जा रहे हैं !चोरो का सारा काला चिटठा खुलने वाला है इसीलिए  सारे चोर ने मिलकर माननीय सर्वोच्च न्यायलय में याचिका दायर कर दी कि आधार लिंक हमारे मौलिक अधिकारों का हनन है ! चोरों  को  प्राइवेसी का कैसा अधिकार!

मोदी ने फर्जी 3 लाख से ज्यादा कम्पनियां बन्द कर दी है! राशन डीलर नाराज हो गये! ऑनलाइन सिस्टम बनने से दलाल नाराज हो गये है! 40,000 फर्जी एनजीओ बन्द हो गये है, इसलिए इन एनजीओ के मालिक भी नाराज हो गये ! दो नंबर की इनकम से प्रापर्टी खरीदने वाले नाराज हो गये!टेंडर आन लाइन होने से कुछ ठेकेदार भी नाराज हो गये! गैस कंपनी वाले काली कमाई न होने से नाराज हो गये! अब तक जो 12 करोड लोग इनकम टैक्स के दायरे में  आ चुके हैं वह लोग नाराज हो गये! जीएसटी सिस्टम लागू होने से ब्यापारी लोग नाराज हो गये, क्योकि वो लोग आटोमैटिक सिस्टम में आ गये है! दो नम्बर के काम बाले लोग फलना फूलना बन्द हो गये है! काले को  सफेद करने का सिस्टम एक दम से लुंज सा हो गया है।आलसी सरकरी अधिकारी नाराज हो गये, क्योकि समय पर जाकर काम करना पड रहा हैं! वो लोग नाराज हो गये, जो समय पर काम नही करते थे और रिश्वत देकर काम करने मे विश्वास करते हैं। दुख होना लाजमी है देश बदलाव की कहानी लिखी जा रही है,  जिसे समझ आ रही है बदल रहा है जिसे नही आ रही है वो युवराज के मानसिक गुलाम हमे अंधभक्त कह कह कर छाती कूट रहे है!

भाजपा की सरकार आयेगी या नही ,यह समय की गर्त में है लेकिन जो आकंडे है वह यह बताते है कि बेहतरीन शासन का नमूना अगर किसी ने प्रस्तुत किया है तो वह सरकार यही है ।किसी भी क्षेत्र को रखकर देखिये अगर कुछ काम हुआ है तो मोदी सरकार ने ही किया है। इतना ही  नही देश की सीमाओे  पर आज जो चहल पहल दिख रही है वह इसी सरकार की देन है।विश्व पटल पर भारत का आगाज धमाकेदार हुआ यह बात बताती है कि हिन्दू किसी से कम नही है उन्हें अब खैरात की जरूरत नही है वह देने में सक्षम है, लेने के लिये उनका जन्म नही हुआ है।

 

Leave a Reply