बुराईयों पर विजय का पर्व दशहरा

भारत में प्राचानीकाल से ही अनेक अवसरों पर अलग-अलग पर्व मनाये जाते हैं। इन पर्वो का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त बुराईयों का अन्त कर समाज को उन्नत बनाना रहा है।

दशहरा का पर्व भी प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्र की दशमी की तिथि को लगभग सम्पूर्ण भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथा मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान राम ने बुराई के पर्याय लंका के राजा रावण का वध किया था। अतः दशहरे के पर्व को हमारे देश में बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। राम को जहां अच्छाई का प्रतीक माना जाता है वही रावण को बुराईयों का प्रतीक माना जाता है। हमारे देश में आज भी अशिक्षा, बढ़ता प्रदूषण, महिला हत्याचार, कुपोषण, भ्रष्टाचार आदि जैसी अनेक सामजिक बुराईयां विद्यमान हैं।

महिलाओं को अशिक्षा के कारण प्रतिदिन घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, कुपोषण जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भारत सरकार द्वारा महिला उत्थान हेतु उनकी शिक्षा पर बल दिया गया क्योंकि एक शिक्षित नारी पूरे समाज में परिवर्तन ला सकती है। सरकार द्वारा छात्राओं को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं जैसे देश व्यापी अभियान चलाकर महिला साक्षरता को बढ़ाया है जिस कारण आज देश की महिलाऐं आत्म निर्भरता की ओर बढ़ रही है।

बढ़ता प्रदूषण आज पूरे विश्व के लिये चिंता का विषय बना हुआ है। बढ़ते प्रदूषण के कारण जलवायु में हो रहे व्यापक परिवर्तन से भारत भी प्रभावित हो रहा है। भारत सरकार द्वारा इस समस्या के निराकरण हेतु पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया गया तथा वैश्विक स्तर पर अहम योगदान देकर पर्यावरण संरक्षण हेतु विश्व के देशों को एक जुट किया गया। घरेलू स्तर पर स्वच्छ उर्जा हेतु सौर उर्जा को बढ़ावा देकर आज हम सौर उर्जा के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी देशों में हैं। भारत सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे सराहनीय प्रयासों को देखते हुये वैश्विक समुदाय द्वारा भी भारत की सराहना की जा रही है।

नदियों के गिरते जल स्तर को बढ़ाये जाने तथा देश में सूखती नदियों को पुर्नजीवित किये जाने के लिये भी सरकार द्वारा पहल की गयी है। नदियां जीवन दायिनी होने के साथ-साथ हमारी धरोहर भी है। सरकार के प्रयास से आज देश में नदियों के किनारे बड़े पैमाने पर वृक्षारोंपण कर तथा रिवर फ्रन्ट का निर्माण कर नदियों का संरक्षण किया जा रहा है। नमामि गंगे योजना के माध्यम से गंगा जैसी पवित्र नदी के अलावा इसकी सहयोगी नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाया जा रहा है। सरकार के इस प्रयास में आम जनता द्वारा बढ़-चढ़कर भागीदारी की जा रही है।

महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु सरकार द्वारा देश की महिलाओं का बैंकों में खाता खुलवाकर महिलाओं को बैंकिंग सेवा में जोड़ा गया है। लगभग 05 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त मे गैस कनेक्शन देकर उन्हे धुऐं में खाना बनाने से मुक्ति दी है। सरकार द्वारा शिक्षा, खेल, रोजगार, उद्योग, व्यवसाय में महिलाओं को बेहतर सुविधा देकर उनके जीवन में अप्रत्याशित सुधार किया है। महिला खिलाड़ियों ने खेल-कूद की अनेक विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है।

इसी प्रकार भारत सरकार द्वारा अपने नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने तथा बेहतर स्वास्थ्य हेतु योगा अभ्यास को घर-घर तक पहुंचाया है। यहां तक कि भारत द्वारा पूरे विश्व में योग को पहुंचाकर भारत की पहल पर ही प्रतिवर्ष 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है। सरकार द्वारा हाल ही में आयुष्मान भारत जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू कर गरीबों एंव आम नागरिकों के लियें उच्चस्तरीय ईलाज की सुविधा उपलब्ध करायी है। सरकार की इस पहल से आम जनता में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।

भारत सरकार द्वारा महिला साक्षरता, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, नदी संरक्षण तथा स्वास्थ जैसे अहम मुद्दों पर देश में व्याप्त अशिक्षा, महिलाओं केे प्रति अपराध, बढ़ते प्रदूषण, जनता के गिरते स्वास्थ्य जैसी मूल-भूत बुराईयों पर पूर्ण रूप से विजय प्राप्त की है। हमारे देश में अभी भी भ्रष्टाचार, आतंकवाद, अलगाववाद, जातिवाद व क्षेत्रवाद जैसी बुराईयां व्याप्त है।

इस विजय दशमी के पर्व पर हम सब भी अपने स्तर से इन बुराईयों को समाप्त करने तथा भारत को एक समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिये संकल्प लें।

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