फिल्म सिटी में देखने को मिलता है हिन्दू मुस्लिम एकता

फिल्म सिटी भी महान है और अपने आप में एक मिसाल है।जहां एक ओर देश को नये संदेश देने का काम करती है वहीं हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल है और अब तक नजर डालें तो तमाम एैसे लोग सामने आयेगें जिन्होंने इस इंडस्टी को एक नयी दिशा विवाह करके दी और हिन्दू मुस्लिम के लिये मिशाल बने।
सुनील दत्त – नर्गिस,संजय दत्त – दिलनवाज शैख (मान्यता),ऋतिक रोशन – सुजेन खान,अतुल अग्निहोत्री – अलविरा खान,रोहित राजपाल – लैला खान,किशन चंदर – सलमा सिद्दीकी,नाना चुडास्मा – मुनिरा जसदानवाला,अजय अरोरा – सिमोन खान,आदित्य पंचोली – जरीना वहाब,अजीत आगरकर – फातिमा घन्दिल्ली,सुनील शेट्टी – माना कादरी,सचिन पाइलेट – सारा अब्दुल्लाह,अरुण आहूजा (गोविंदा के पिताजी ) – नजीम,शिरीष कुंदर – फरहा खान,सुंदर सिह – खुशबू,अरुण गवली – आयशा,मनोज वाजपेयी – शबाना रजा,पंकज कपूर – नीलिमा अजीम,गुंडू दिनेश राव – तबस्सुम,अनिल धारकर -इम्तिआज गुल
शशि रेखी – वहीदा रहमान,राज बब्बर – नादिरा जहीर,कर्नल सोढ़ी – नफीसा अली,मयूर वाधवानी – मुमताज,रंधावा – मलिका खान,विष्णु भागवत – निलोफ,किशोर कुमार – मधुबाला (मुमताज बेगम)
अ े नाइपाल – नादिया,कबीर सुमन – सबीना यास्मिन,राजीव राय – सोनम (बख्तावर),बी आर इशारा – रेहाना सुल्तान,समीर नेरुकर – तसनीम शैख,अनुराग मोदी – शमीम,कमलेश्वर नाथ सहगल – जोहरा खान
विक्रम मेहता – तसनीम,सौमिल पटेल – अनीता अय्यूब,भारत चन्द्र नारा – जहा आरा चैधरी,टीनू आनंद – शहनाज,एम एस सथ्यु – शमा जैदी,रवि शंकर – रोशन आरा,प्रदीप चेरियन – फौजिया फातिमा,पंकज उधास – फरीदा,के एन सहाय – जाहिदा हुसैन,ब्रिज सदाना – सईदा खानम,निर्मल पांडे – कौसर मुनीर
विजय गोविल – तबस्सुम,अमित मोइत्रा – नाहिद करीमभॉय,रूप के शोरी – खुर्शीद जहाँ,हंसलाल मेहता – सफीना हुसैन आदि है।
इसी क्रम में जिन लोगों ने इससे प्रेरणा लेते हुए इस काम को आगे बढाया उसमें कुमुद मिश्रा – आयशा रजा,रणजीत बेदी – नाजनीन,मनोज प्रभाकर – फरहीन,रोहित रामकृष्णनन – शबनम मिलवाला,गनपत लाल भट्टी – शमशाद बेगम,आर के पूरी – शहनाज हुसैन,टी के सप्रू – ताजोर सुल्ताना,रमेश भगवे – जैनब
महेश कौल – चाँद उस्मानी,किशोर शर्मा – मलिका बानो,चमन लाल गुप्ता – असगरी बाई,राजा बहाद्दुर शिवेंद्र सिंह – यमन खान,हेमंत भोंसले – साजिदा,विवेक नारायण – सोनिया जहाँ,सारनाथ बेनर्जी – बेनी आबिदी,अशोक काक – जबीं जलील,सुमेध राजेंद्रन – मासूमाँ सय्यद,धीरज सिंह – सहर जहाँ,गौरव करण – फातिमा मेहंदी,मनीष तिवारी – नाजनीन शिफा,शिरीष गोडबोले – जरीना मोइदु,इन्द्रजीत गुप्ता – सुरैया
सीताराम येचुरी – सीमा चिश्ती,नरसिंह ज्ञान बहाद्दुर – जुबैदा बेगम, सुमित सहगल – शाहीन, अर्जुन प्रसाद – परनिया कुरैशी,बालगन्धर्व – गोहर जान कर्नाटकी,रणजीत मल्होत्रा – रुबीना बक्षी,गजेन्द्र चैहान – हबीबा रहमान,राजीव राव – सोनिया फतह,संजय भौमिक – सबा नकवी,पी जी सतीश – शकीला,मलिन गज्जर – उमैमा बंदूकवाला,सचिन उपाध्याय – नाजिया युसूफ,राजिव सिंह – सनोबर कबीर,रितेश पंड्या – रोही मिर्जा,,विन्दु – फरहा नाज, अनिल विश्वास – मेहरुन्निसा, योगराज सिंह (युवराज सिंह के पिता) -शबाना,कुणाल खेमू -सोहा अली खान ने ,सबसे बडी बात यह है कि यह सभी आज की तारीख में एक नये इबादत की ओर बढ रहें है और आने वाले समय में एक देश की एक नयी दिशा देगें।
अब सवाल यह उठता है कि जब इतने बडे पैमाने पर यह काम हो रहा है तो देश में हिन्दू मुस्लिम एकता को नुकसान कहां से है। मौलाना चुप है और देश आगे की ओर बढ रहा है। फिर सन्नाटा कैसा।
देश में हिन्दू मुस्लिम के बीच सौहार्दय का वातावरण पहले से है। जहां गांवो में इसकी मिसाल आज भी देखने को मिलती है।वहीं दूसरी ओर सरकार ने इस तरह के विवाह पर कुछ चीजें निधारित भी कर रखी है इस तरह के विवाह पर कुछ राशि व्यापार के लिये देने का प्रावधान है ताकि यह जाति समीकरण का बंधन खत्म हो सके और इंसान बनकर लोग अपना जीवन यापन कर सके। लेकिन समय समय पर इसे चोट सत्ता ,मीडिया व नेताओं द्वारा मिलता रहा है और आने वाले समय मंे यह रूकेगा इसकी संभावना कम ही लगती है।

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